Sagar- गौर यूनिवर्सिटी में छात्रों का न्याय की ज्योत के साथ विरोध, प्रशासन पर लापरवाही के आरोप
सागर की डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय एक बार फिर छात्रों के विरोध का केंद्र बन गया है। दोपहर छात्रों ने प्रशासनिक भवन के सामने “न्याय की ज्योत” जलाकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया और विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए।
छात्रों का कहना है कि वे कई बार अपनी समस्याएं प्रशासन के सामने रख चुके हैं, लेकिन हर बार आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। विरोध का नेतृत्व कर रहे छात्र अंकित घोष ने बताया कि ड्यू फीस की जानकारी समय पर न मिलना, रिज़ल्ट में देरी और गलतियाँ, वेबसाइट व सूचना प्रणाली की धीमी गति और सीसीटीवी कैमरों की कमी छात्रों की बड़ी परेशानियां हैं।
विश्वविद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था पर भी प्रश्नचिन्ह लगा है। हाल ही में प्रशासनिक भवन की पार्किंग से एक कर्मचारी की बाइक चोरी हो गई, वहीं एक छात्रा के बैग से चाँदी की अंगूठी गायब हो गई। छात्रों ने कहा कि ऐसी घटनाएं सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलती हैं।
छात्रों ने ऑनलाइन शिकायत पोर्टल, मजबूत सुरक्षा सिस्टम, समयबद्ध शिकायत निवारण और सूचना प्रसारण में पारदर्शिता की मांग की। साथ ही वॉशरूम की सफाई, पीने के पानी की व्यवस्था, नेटवर्क और भोजनालय जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी को भी उठाया।
छात्रों ने बताया कि विश्वविद्यालय के आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बेअसर साबित हो रहे हैं और अनुशासनहीनता संस्थान की छवि को नुकसान पहुँचा रही है। अंकित घोष ने कहा कि डॉ. गौर के सपनों का विश्वविद्यालय भ्रष्टाचार की चपेट में है। वे पहले भी आईना लेकर भ्रष्ट अधिकारियों का विरोध कर चुके हैं।
छात्रों का कहना है कि असली जड़ पर कार्रवाई किए बिना सुधार संभव नहीं है। संसाधनों और स्टाफ की कमी भी अव्यवस्था का बड़ा कारण है। प्रदर्शनकारियों ने शहरवासियों से अपील की कि वे डॉ गौर के नाम और विरासत का मान रखते हुए विश्वविद्यालय की गरिमा बचाने में अपनी भूमिका निभाएं।
अब देखना होगा कि छात्रों के इस शांतिपूर्ण और प्रतीकात्मक प्रदर्शन के बाद प्रशासन जागता है या फिर ये "न्याय की ज्योत" एक बड़े आंदोलन की शुरुआत बनेगी।