Sagar - जंगल में मिली रहस्यमई बावड़ी ! जल पीने से रोग हो रहे ठीक, एमपी यूपी की लोगों की भारी भीड़
सागर के जंगलों में एक रहस्यमई छोटी बावड़ी का खुदाई में मिलना चर्चा का विषय बन गया है इतना ही नहीं लोग इस जल स्रोत के पानी को चमत्कारिक होने का दावा कर रही है और यहां पर एमपी यूपी के लोगों का जमावड़ा हो रहा है इतना ही नहीं लोग इस जल को पी रहे हैं इसी जल्द से स्नान कर रहे हैं और बोतल में भरकर अपने घरों में भी ले जा रहे हैं
दरअसल मालथौन वन विभाग रेंज के तहत नोनिया और सेसई के जंगल के बीच एक प्राचीन जल स्रोत झिरिया मिली है। इसके ऊपर की फर्शी को हटाने पर यह दिखाई दी। अब लोग यहां झिरिया के पानी से स्नान कर रहे हैं और रोग ठीक होने का दावा भी कर रहे हैं। यहां एक सप्ताह से लोगों का आना शुरू हुआ, भीड़ हो रही है।
दरअसल यहां 20 दिन पहले पहलवान पटेल निवासी सेसई पास के श्मशान घाट में अंतिम यात्रा से लौट रहे थे। उसी समय जल स्त्रोत के पास सफाई की तो झिरिया निकल आई। उसके पानी से नहाया। उन्होंने बताया कि हाथ में एक फुड़िया थी जो दो दिन के बाद ठीक हो गई। यही बात लोगों को बताई है। उसके बाद धार्मिक क्रियाएं होने लगी। लड़कियों को देवी भाव आने जैसी स्थिति हुई। प्राचीन स्रोत की सफाई की तो चार सीढियां निकलीं।
और फिर करीब 12- 15 फुट तक खुदाई की गई जिसमें कुल 9 सीढ़ियां निकली है, खुदाई होने के बाद यह छोटी बावड़ी पूरी तरह पानी से लबालब भर गई है, यह एमपी-यूपी से सटा हिस्सा है। जिससे भीड़ हो रही है। बरोदिया कलां के छोटू पठान ने कहा कि हाथ-पैर जाम थे। दो जग पानी से स्नान किया अब ठीक लग रहा है। सेसई के रोहित लोधी भी आंख के पास गठान में आराम बता रहे हैं। हर व्यक्ति स्वास्थ्य लाभ का दावा कर रहा है।
मालथौन रेंजर नीतेश सोनी का कहना है कि जंगल के बीच में प्राचीन जल स्रोत है। जिसके पानी का लोग उपयोग कर रहे हैं। यह जल स्रोत वन विभाग ने नहीं बनवाया है। यह पुराना बना है। सफाई होने से दिखने लगा है। अब यहां भीड़ आ रही है।