Sagar- नवदुर्गा झूलों में विराजमान, बुंदेली परंपरा संग खैराना में अनोखी झांकी ने बटोरा आशीर्वाद
सागर जिले की रहली तहसील के छोटे से गाँव खैराना में नवरात्रि का पर्व इस बार खास अंदाज़ में मनाया जा रहा है। यहाँ की अनूठी नवदुर्गा झांकी न केवल ग्रामीणों बल्कि दूर-दराज़ के श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। बुंदेली परंपरा, भक्ति और रचनात्मकता का ऐसा संगम कम ही देखने को मिलता है। गाँव में धार्मिक एवं सामाजिक आयोजनों के लिए गठित राधे राधे सेवा मंडल ने नवरात्रि उत्सव को विशेष रूप देने के लिए अद्भुत झांकी तैयार की है।
यहाँ नवदुर्गा के नौ स्वरूपों को पारंपरिक झूलों में विराजमान कर भक्तिभाव से झुलाया जा रहा है। एक ही स्थान पर खड़े होकर श्रद्धालु बारी-बारी से सभी देवियों के दर्शन कर रहे हैं — यह इस आयोजन की सबसे खास विशेषता है। गाँव में सुबह से देर रात तक भजन, आरती और दर्शनों के लिए भक्तों की भीड़ लगी हुई है। झांकी की भव्यता और सजावट लोगों को बरबस अपनी ओर खींच रही है। माता के स्वरूपों को इस तरह झूलों पर विराजमान करना बुंदेलखंड की प्राचीन लोकपरंपरा को जीवंत करता है।
बुंदेलखंड के प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित विपिन बिहारी महाराज और नवीन बिहारी महाराज ने झांकी के दर्शन किए और महाआरती में शामिल हुए। उन्होंने इस आयोजन की सराहना करते हुए कन्या पूजन में होने वाले भेदभाव पर कड़ा संदेश दिया। उन्होंने बुंदेली भाषा में कहा कोई जाति नीच नहीं होती, लेकिन हर जाति में कुछ लोग समाज में ज़हर घोलते हैं। देवी की पूजा में भेदभाव नहीं, समभाव होना चाहिए। इस मौके पर नवदुर्गा की महाआरती में सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे। आयोजन को सफल बनाने में राधे राधे सेवा मंडल के संयोजक हरिशंकर पराशर और उनकी टीम की अहम भूमिका रही। खैराना की ये झांकी न केवल परंपरा की झलक है, बल्कि सामाजिक सद्भाव और आस्था का जीवंत उदाहरण भी।