Sagar- तालाब और नदी में कमल आसन वाली दुर्गा, स्वरूप बने आकर्षण का केंद्र
सागर जिले की रहली तहसील इस समय नवरात्रि की भक्ति और उल्लास में डूबी हुई है। नगर हो या ग्रामीण अंचल—हर ओर माता रानी की भव्य झांकियां, आकर्षक पंडाल और भक्तों की उमड़ती भीड़ एक अलग ही दृश्य प्रस्तुत कर रही हैं। रहली में जगह-जगह सजे पंडालों में दुर्गा माता के विभिन्न रूपों की नयनाभिराम प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। भक्त सुबह और शाम आरती व भजन कार्यक्रमों में शामिल होकर माता के चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित कर रहे हैं। नगर से लेकर आसपास के गांवों तक श्रद्धालुओं की आवाजाही लगातार बनी हुई है।
इस वर्ष की नवरात्रि को यादगार बनाने वाले दो अद्भुत स्वरूप लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं —खमरिया तालाब में विराजित दुर्गा प्रतिमा, तालाब के बीचोंबीच स्थापित यह प्रतिमा भक्तों में विशेष उत्सुकता का विषय बनी है। पानी के मध्य विराजमान माता का यह अलौकिक स्वरूप दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर रहा है। ग्राम चौहरा में नदी पर कमल आसन वाली दुर्गा, कमल पर विराजमान और नदी के जल से घिरी यह प्रतिमा श्रद्धालुओं के मन में आस्था के साथ अद्भुत रोमांच भी पैदा कर रही है। प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक भाव का ऐसा संगम शायद ही कहीं देखने को मिलता हो।
स्थानीय आयोजक समितियों द्वारा हर पंडाल में भक्ति संध्या, कन्या पूजन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का क्रम जारी है। ढोल, झाल और जयकारों के बीच सुबह से लेकर देर रात तक भक्तिमय माहौल बना हुआ है। नगर के विभिन्न मोहल्लों से लेकर मंदिरों और ग्रामीण अंचलों तक माता रानी के जयकारों की गूँज सुनाई दे रही है। श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह नवमी और दशहरा पर्व को लेकर भी देखा जा रहा है। रहली की नवरात्रि न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक बन गई है, बल्कि अपनी परंपरा और अद्भुत प्रतिमाओं से पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय भी बन चुकी है।