सागर- चकराघाट पर गणपति बप्पा की 2100 दीपों से सजी महाआरती, 26 वर्षों से लगातार प्रतिमा की स्थापना
सागर के चकराघाट पर इस बार गणेश उत्सव की भव्यता देखने लायक रही। श्री रामलला गणेश उत्सव समिति ने यहां भगवान गजानन की विशेष महाआरती का आयोजन किया, जिसमें 2100 दीप जलाकर अनोखा दृश्य प्रस्तुत किया गया। दीपों की जगमग रोशनी और भक्ति से सराबोर माहौल ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। महाआरती के दौरान हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे और गणपति बप्पा मोरया के जयकारों से पूरा वातावरण गूंज उठा। बच्चों से लेकर बुजुर्गों और महिलाओं तक सभी ने इस अद्भुत आयोजन में उत्साह से हिस्सा लिया।
समिति के अध्यक्ष ज्योतिष सोनी ने बताया कि वे पिछले 26 वर्षों से गणपति प्रतिमा की स्थापना कर रहे हैं। खास बात यह है कि पिछले 15 वर्षों से यहां प्रतिमा की स्थापना मुंबई के प्रसिद्ध लालबाग के राजा की तर्ज पर की जाती है। हर साल प्रतिमा का स्वरूप एक जैसा रखा जाता है, ताकि श्रद्धालु लगातार उसी रूप के दर्शन कर सकें। यही कारण है कि दूर-दराज से भी लोग यहां पहुंचते हैं और गणपति बप्पा के दर्शन का लाभ उठाते हैं।
सागर में हो रहे इन आयोजनों ने न सिर्फ धार्मिक आस्था को प्रबल किया है, बल्कि समाज में एकता और उत्साह का भी संदेश दिया है। लोगों का कहना है कि ऐसे आयोजन समाज को जोड़ते हैं और युवा पीढ़ी को भी परंपराओं से जोड़े रखते हैं। वहीं, गणेश पंडालों में सुरक्षा और व्यवस्था का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो। भक्ति, श्रद्धा और उत्साह से सराबोर गणेश उत्सव ने सागर में लोगों के दिलों को एक कर दिया है।