"कमलनाथ का सरकार पर हमला – खाद संकट, आदिवासी भूमि और किसान मुद्दों पर तीखी टिप्पणी
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ अपने तीन दिवसीय एमपी के छिंदवाड़ा प्रवास पर पहुंचे। यहां मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा और खासतौर पर किसानों, खाद संकट और आदिवासी मुद्दों को लेकर तीखे सवाल उठाए। कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश भर में खाद का गंभीर संकट है, जिससे किसान परेशान हैं और उनकी फसलें खराब होने की कगार पर पहुंच रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इन समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है। “किसान अब सिर्फ प्राकृतिक आपदा से नहीं, बल्कि शासन की उपेक्षा से भी जूझ रहे हैं,” – कमलनाथ
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन किसानों की उम्मीदें सरकार पर टिकी थीं, आज वही किसान खाद की लाइन में खड़े होकर परेशान हो रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी आवाज नहीं सुन रही। कमलनाथ ने आदिवासी समाज के मुद्दों को भी उठाया। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में आदिवासी जमीनों पर अवैध कब्जा किया जा रहा है और सरकार चुप बैठी है। “आदिवासियों की जमीनों पर बड़े स्तर पर घोटाला चल रहा है, प्रशासन आंख मूंदे हुए है,” – कमलनाथ उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा आदिवासी अधिकारों के लिए आवाज उठाती रही है और आगे भी उठाती रहेगी। कमलनाथ ने कहा कि किसान सिर्फ उत्पादनकर्ता नहीं, बल्कि देश की रीढ़ हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि कांग्रेस किसानों की हर समस्या को मंच से लेकर विधानसभा तक उठाएगी। “मुझे चिंता है कि आने वाले समय में ये हालात और खराब न हो जाएं। किसान को उसका हक दिलाना हमारी प्राथमिकता है,” – कमलनाथ
मीडिया से बातचीत में कमलनाथ ने राज्य सरकार की नीतियों और कार्यशैली पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि केवल घोषणाएं करने से किसानों का जीवन नहीं बदलता, ज़मीन पर काम करना ज़रूरी है। “मौजूदा सरकार सिर्फ आंकड़ों की राजनीति कर रही है, जबकि ज़मीनी हकीकत बिल्कुल अलग है,” पूर्व मुख्यमंत्री के इस बयान ने प्रदेश की राजनीति में नई बहस को जन्म दिया है, खासकर तब जब किसान और आदिवासी समुदाय लगातार अपने हकों के लिए संघर्ष कर रहे हैं।