विधायक ने अपने ही PA को रिश्वत लेते पकड़ा, कलेक्टर से की शिकायत – दी सख्त कार्रवाई की चेतावनी
मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां कांग्रेस विधायक अलीम डायर ने अपने ही निजी सहायक (PA) को रिश्वत लेने के आरोप में पकड़ते हुए कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। यह मामला अब प्रशासनिक जांच के दायरे में आ गया है। गुना निवासी अंकित जाटव ने विधायक अलीम डायर के पीए मनोज नामदेव पर बहन का ट्रांसफर कराने के नाम पर ₹50,000 की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है। अंकित की बहन अशोकनगर स्वास्थ्य विभाग में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (CHO) के पद पर कार्यरत हैं और उन्होंने अपने गृह जिले गुना ट्रांसफर की मांग की थी। अंकित का कहना है कि पीए ने ट्रांसफर के एवज में ₹50,000 की डिमांड की थी। इस डील के तहत उसने ₹30,000 की राशि नगद रूप में विवेक टॉकीज के पास मनोज नामदेव को 500-500 के नोटों में सौंप दी। शेष ₹20,000 की राशि बाद में देने की बात तय हुई थी। इस घटनाक्रम की जानकारी अंकित ने सीधे विधायक अलीम डायर को दी। मामले को गंभीरता से लेते हुए विधायक ने तत्काल अपने पीए से इस विषय पर बात की। शुरुआत में पीए ने पैसे लेने से साफ इनकार कर दिया, लेकिन जब गवाह और सबूत सामने आए, तो वह झूठ पकड़ा गया।
विधायक अलीम डायर ने तुरंत सख्ती दिखाते हुए पीए को पैसे वापस लौटाने का आदेश दिया और स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी – “पैसा वापस करो, नहीं तो आप पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।” विधायक ने इस पूरे घटनाक्रम की शिकायत जिला कलेक्टर से करते हुए जांच और उचित कार्रवाई की मांग की है। विधायक ने कहा कि वह किसी भी प्रकार की भ्रष्ट गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेंगे, चाहे वह उनके अपने स्टाफ का ही सदस्य क्यों न हो। उन्होंने जनता को आश्वस्त किया कि पारदर्शिता और ईमानदारी ही उनके कार्य का मूलमंत्र है। यह मामला अब प्रशासन के संज्ञान में आ चुका है और जल्द ही संबंधित अधिकारियों द्वारा जांच शुरू किए जाने की संभावना है। यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो आरोपी पीए मनोज नामदेव के खिलाफ विभागीय और कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इस प्रकरण से एक ओर जहां प्रशासन में हलचल मच गई है, वहीं विधायक की तत्परता और ईमानदार छवि की सराहना हो रही है। स्थानीय नागरिकों का मानना है कि यदि जनप्रतिनिधि स्वयं ही भ्रष्टाचार के विरुद्ध खड़े हों, तो व्यवस्था में बदलाव अवश्य संभव है।