11 करोड़ का सर्पदंश घोटाला उजागर,एक व्यक्ति को 30 बार मृ-त दिखाकर लूटा सरकारी खजाना | sagar tv news
एमपी के सिवनी जिले में एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसमें सांप के काटने से मृत्यु के फर्जी मामलों के ज़रिए सरकारी खजाने से 11 करोड़ 26 लाख रुपये की अवैध निकासी की गई है। जांच में खुलासा हुआ है कि कुछ व्यक्तियों को बार-बार मृत दिखाकर मुआवजा राशि की बंदरबांट की गई। जांच में पाया गया कि रमेश नामक व्यक्ति को 30 बार सांप के काटने से मृत बताया गया, वहीं द्वारका बाई के नाम पर 29 बार मुआवजा लिया गया। रामकुमार नामक व्यक्ति को 19 बार मृत दिखाकर 81 लाख रुपये तक निकाले गए। इस फर्जीवाड़े में एक ही नाम पर बार-बार मृत्यु दावा कर, रिकॉर्ड संशोधित कर नए बिल तैयार किए जाते थे और राशि विभिन्न खातों में स्थानांतरित की जाती थी।
इस घोटाले की जांच वित्त विभाग के संयुक्त संचालक रोहित कौशल की टीम द्वारा की गई और रिपोर्ट कलेक्टर को सौंप दी गई है। मुख्य आरोपी सहायक ग्रेड-3 कर्मी सचिन दहायत के साथ 46 अन्य लोगों की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है, जिनमें तत्कालीन एसडीएम अमित सिंह और पांच तहसीलदारों के नाम शामिल हैं। मामले को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सरकार पर तीखा तंज कसा। उन्होंने कहा, जब केवल सिवनी में ही 11 करोड़ का घोटाला हुआ है, तो बाकी 54 जिलों की क्या स्थिति होगी, इसका अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
सिवनी कलेक्टर के पास रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद इस मामले में आगे की कानूनी और प्रशासनिक कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है। राज्यभर में इस खुलासे के बाद मुआवजा वितरण की प्रक्रियाओं की व्यापक जांच की मांग उठने लगी है। सिवनी जिले में 11 करोड़ का सर्पदंश घोटाला उजागर होने से सरकारी व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। जांच में कई अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है, और अब आगे की कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है। इस मामले में न्याय और पारदर्शिता की मांग उठने लगी है, और देखना होगा कि सरकार इस मामले में क्या कार्रवाई करती है।