Sagar - नौरादेही में 7 साल में 11 गुना हुए टाइगर, 5 साल में 50 तक पहुंचने की संभावना
सागर के वीरांगना दुर्गावती नौरादेही टाइगर रिजर्व में बाघों का कुनबा तेजी से बढ़ रहा है। बाघों की संख्या 7 साल में 11 गुना हो गई है। इनमें 65 से 70 फीसदी संख्या बाघिनों की है। बाघिन एक बार में 3-4 शावकों को जन्म देती है। यदि 2 भी जीवित रहे तो अच्छी खासी संख्या होगी। वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट बताते हैं कि अगले 5 साल में यहां बाघों की संख्या 50 तक पहुंचने की उम्मीद है।
टाइगर रिजर्व में बाघों की वंशवृद्धि के लिए यहां की आवोहवा और अनुकूल माहौल बड़ी वजह है। क्षेत्रफल में प्रदेश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है। आहार के लिए शाकाहारी वन्य जीवों की पर्याप्त संख्या और प्यास बुझाने के लिए यहां प्राकृतिक जल स्त्रोत हैं। 25 दिन पहले टाइगर रिजर्व में बाघिन एन-112 के साथ 4 शावक कैमरे में कैद हुए थे। ये सभी तंदुरुस्त हैं। टाइगर रिजर्व का दर्जा मिलने के बाद बाघ वंशवृद्धि का यह पहला अवसर है
सितम्बर 2023 में प्रदेश के सातवें और बुंदेलखंड के दूसरे टाइगर रिजर्व को नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी से मंजूरी मिली थी। वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व में सागर, दमोह, नरसिंहपुर जिले का कोर एरिया शामिल किया गया है। 2018 बाघ शिफ्टिंग प्रोजेक्ट के तहत बाघ-बाघिन लाए जाने के कुछ साल बाद यहां कुछ बाहरी बाघ आकर बस गए। टेरेटरी को लेकर बाघों के बीच संघर्ष हुआ। यहां 20 से 25 तेंदुओं के अलावा चिंकारा, हिरण, नीलगाय, सियार, भेड़िया, लकड़बग्घा, भालू, मगरमच्छ, सांभर, मोर, चीतल व अन्य वन्य जीव भी हैं।
टाइगर रिजर्व की पहली बाघिन राधा की बेटियों से बाघों का कुनबा बढ़ रहा है। एक बार में 4-4 शावकों को जन्म दिया। बाघिन राधा की पहली संतान ने दोबारा 4 बच्चों को जन्म दिया है। बाघिन राधा ने पहली बार नौरादेही में 2019 में तीन शावकों को जन्म दिया था। जिनमें दो मादा और एक नर था। दोनों बेटियों से वंशवृद्धि हो रही है। इसलिए राधा को मदर ऑफ दुर्गावती टाइगर रिजर्व कहा जाने लगा है। डेढ़ साल पहले नौरादेही के पहले बाघ किशन एन-2 की एक बाहरी बाघ से संघर्ष में मौत हो गई थी।