भोर तरैया नाटक के माध्यम से लोगों को बतायी समाज की विसंगतियां || STVN INDIA || SAGAR TV NEWS ||
एमपी के टीकमगढ़ में संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार और मध्यप्रदेश शासन के संस्कृत विभाग के सहयोग से 18 से 20 दिसम्बर तक तीन दिवसीय नाटय महोत्सव का आयोजन किया गया। जिसके समापन पर पाहुना लोकजन समिति टीकमगढ़ द्रारा नाटक भोर तरैया की प्रस्तुति दी गयी। जिसके माध्यम से ग्रामीण जन जीवन में आमजन के संघर्ष, पंचायती राज की विसंगतियाँ, आरक्षित सीट पर चुनी हुई कठपुतली बनी दलित महिला सरपंच की पीड़ा और बिडम्बना, दबंगो की मनमानी और राजनीतिक शक्ति का दुरुपयोग, के अलावा सरकारी योजनाओं का निज स्वार्थ हेतु उपयोग जैसी तमाम उथल-पुथल के बीच महिला सशक्तिकरण को बखूबी दर्शाया है। नाटक की सबसे बड़ी ताक़त नाटक का कथानक और बुन्देली बोली में चुटीले के अलावा धारदार संवाद रहे। जो वर्तमान ग्रामीण पंचायती राज की विसंगतियों और बिभीषकाओं की परतों को दर्शकों को के समक्ष खोलकर रख देता है। यह नाटक बदलते समय और बदलते परिवेश में दबंगो को मन में भय और दबी कुचली महिलाओ आमजन के मन में ताक़त भरता है।