Sagar-नरवाई की आग ने ली किसान की जा-न, पत्नी और बेटा चिल्लाते रह गए, आंखों के सामने त-ड़-प-ता रहा पिता
सागर जिले के बीना तहसील के अंतर्गत ग्राम हींगटी में रविवार को एक हृदय विदारक हादसा सामने आया, जब नरवाई की आग में एक किसान की जिंदा जलकर जान चली गई। मृतक की पहचान राजेन्द्र उर्फ छोटू अहिरवार के रूप में हुई है। हादसे के वक्त उसकी पत्नी और बेटा पास ही खेत में मौजूद थे, परंतु आग की भयावहता और घबराहट में वे कुछ न कर सके।
जानकारी के अनुसार, राजेन्द्र का खेत ही सोसायटी के पास स्थित था, और वहीं उसकी झोपड़ी भी बनी हुई थी, जिसमें वह अपने परिवार के साथ रहता था। रविवार को खेत में नरवाई जलाने के दौरान आग अचानक विकराल हो गई, और राजेन्द्र उसकी चपेट में आ गया। आग की लपटों ने उसे चारों ओर से घेर लिया और देखते ही देखते वह झुलस गया।
जब तक पत्नी छोटी बाई और बेटा रामकुमार मौके पर पहुंचे, तब तक काफी देर हो चुकी थी। दोनों की आंखों के सामने ही राजेन्द्र तड़पते हुए जल गया। परिजनों की हालत घटना के बाद बिगड़ गई, उन्हें तुरंत सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।
घटना की जानकारी मिलते ही गांव के चौकीदार प्रकाश राय सबसे पहले मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया, "मैंने देखा कि पत्नी और बेटा चीख-चीखकर मदद मांग रहे थे। उन्होंने मुझसे कहा कि राजेन्द्र को बचाओ, लेकिन जब तक हम पहुंचे, उसकी जान जा चुकी थी।"
घटना के कुछ समय बाद नगर पालिका की दमकल भी मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। पूरा गांव इस घटना से स्तब्ध है।
गांववालों के अनुसार, राजेन्द्र मेहनती किसान था और अपने खेत की नरवाई जला रहा था। लेकिन गर्मी और तेज हवा के चलते आग अचानक तेज हो गई और उसने उसे अपनी चपेट में ले लिया। यह नरवाई जलाने से होने वाली घटनाओं की एक और त्रासदी है, जो हर साल किसानों की जान लेती है।
गांव के सरपंच और प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली। प्रशासन ने परिजनों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।
अब सवाल उठता है कि कब तक नरवाई जलाने की यह परंपरा लोगों की जान लेती रहेगी? क्या प्रशासन और किसानों को मिलकर कोई वैकल्पिक उपाय नहीं निकालना चाहिए, जिससे किसान सुरक्षित रहें और ऐसी दर्दनाक घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो?