Sagar- सानौधा में जो युवक पुलिस को पानी पिलाता रहा, अफसरों ने उसे ही जेल भेज दिया
सागर जिले के सानौधा में हुए उपद्रव के मामले में निर्दोष युवकों को आरोपी बनाए जाने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को हिंदू संगठनों और ग्रामीणों ने SP कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि पुलिस ने बिना साक्ष्य कई ऐसे युवकों पर कार्रवाई कर दी जो घटना के दौरान शांति बनाए रखने में लगे थे। इस मामले में पहले दिन से ही पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े किये जा रहे है चाहे प्रत्यक्षदर्शियो की बात हो या क्षेत्रीय विधायक की, सभी इसे पुलिस की जल्दबाजी बता रहे है,
ग्रामीणों ने ज्ञापन में बताया कि गांव की एक हिंदू युवती को मुस्लिम समुदाय का युवक बहला-फुसलाकर भगाकर ले गया था। इस घटना को लेकर गांव में गुस्सा था, लेकिन इसका फायदा कुछ असामाजिक तत्वों ने उठाया और गांव में पथराव, तोड़फोड़ और आगजनी जैसी घटनाएं हो गईं।
ग्रामीणों का कहना है कि घटना के वक्त जिन युवकों ने असामाजिक तत्वों को रोकने का प्रयास किया और पुलिस की मदद कर रहे थे, उन्हीं को वीडियो फुटेज में दिखने के आधार पर आरोपी बना लिया गया। जबकि वीडियो को ध्यान से देखने पर कोई भी युवक हाथ में पत्थर या आगजनी करते नजर नहीं आता।
मामले में बिट्टू राजा को मुख्य आरोपी बनाया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि वह पूरे समय पुलिस और प्रशासन की मदद में लगा था। चूंकि गांव की सभी दुकानें बंद थीं, इसलिए बिट्टू ने पुलिसकर्मियों को पानी तक उपलब्ध कराया। फिर भी उसे मुख्य आरोपी बना दिया गया। इसी तरह संजू उपाध्याय के साथ भी हुआ है मामले में बनाए गए सभी 7 आरोपियों को लेकर पुनः जांच करने की मांग की है,
ज्ञापन में पीड़ित परिवार की सुरक्षा की भी मांग की गई। उनका कहना है कि उनका घर खेत में है और रात को संदिग्ध गाड़ियां आसपास घूमती रहती हैं, जिससे भय का माहौल है। एडिशनल एसपी संजीव उईके ने आश्वासन दिया है कि मामले की जांच कराई जाएगी। किसी भी निर्दोष को आरोपी नहीं बनाया जाएगा।