फर्जी डॉक्टर और केथ लैब का खुलासा, और 9 आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज, मिशन अस्पताल में बड़ा फर्जीवाड़ा
एमपी के दमोह के मिशन अस्पताल में एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जहां फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर एन. केंम. जॉन उर्फ नरेंद्र विक्रमादित्य यादव ने लंदन के डॉक्टर के नाम से फर्जी पहचान बनाकर 15 मरीजों का इलाज किया, जिनमें से 7 की मौत हो गई। इस मामले में दमोह पुलिस ने अस्पताल प्रबंधन के 9 जिम्मेदार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आरोपियों के नाम पर एफआईआर में नामजद 9 आरोपियों में शामिल हैं। आशीष न्यूटन पिता - रजनीश मोरिस न्यूटन, फ्रैंक हैरिशन पिता - स्व. एच. इम्मूल, इंदर लाल पिता - अजय लाल, जीवन मैसी पिता - जोशफ मैसी, रोशन प्रसाद पिता - राजेश प्रसाद, डॉक्टर यूसुफ पिता - उमर फारूक, अजय लाल पिता - विजय लाल, जिन पर पूर्व में धर्मान्तरण के आरोप लगे थे ,संजीव लैम्बाई, विजय लैम्बाई
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संदीप मिश्रा ने बताया कि डॉक्टर अखिलेश दुबे द्वारा केथ लैब के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ऑनलाइन पंजीयन कराया गया था। जब सीएमएचओ कार्यालय ने दस्तावेजों की जांच की तो यह फर्जीवाड़ा सामने आया। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अस्पताल प्रबंधन पर मध्यप्रदेश उपचारगृह एवं रजोपचार अधिनियम 1973 और संशोधित नियम 2021 की धारा 12 सहित बीएनएस की धारा 318(4), 336(2), 340(2), 105, 3(5) के तहत मामला दर्ज किया है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस मामले में शिकायत के बाद संज्ञान लेते हुए रिपोर्ट तलब की, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और मामले में लगातार कार्यवाही की जा रही है। आयोग ने मृत मरीजों के परिजनों के बयान दमोह सर्किट हाउस में दर्ज किए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की बात कही है। उन्होंने कहा कि सरकार इस पूरे मामले पर सख्त है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।