नवरात्रि में फिर हुए बाघराज वाले दादा के दर्शन, बाघराज मंदिर में देव रूप में मानते हैं श्रद्धालु
मध्यप्रदेश के सागर जिले के बाघराज क्षेत्र का हरसिद्धि देवी मंदिर इन दिनों एक बार फिर चर्चा में है। वजह है – नवरात्रि के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं को बाघराज वाले दादा के दर्शन होना। वर्षों से चली आ रही यह अद्भुत परंपरा इस बार भी देखने को मिली, जब नवरात्रि की पंचमी तिथि को मंदिर के पुजारी पुष्पेंद्र महाराज को मंदिर परिसर में विशाल सांप के रूप में बाघराज वाले दादा के दर्शन हुए। पुजारी पुष्पेंद्र महाराज ने बताया कि जब वह शाम की आरती के लिए हनुमान मंदिर की ओर गए, तो वहां उन्हें एक शांत और सांप दिखाई दिया। उन्होंने तुरंत आसपास की भीड़ को शांत किया और सांप को सुरक्षित स्थान की ओर जाने दिया। यह कोई पहली घटना नहीं है। पुष्पेंद्र महाराज का कहना है कि वे करीब 40 वर्षों से बाघराज मंदिर में सेवा दे रहे हैं, और नवरात्रि के समय या अन्य पर्वों के दौरान अक्सर इस प्रकार के दिव्य दर्शन होते रहे हैं।
श्रद्धालुओं का विश्वास है कि यह अजगर कोई सामान्य जीव नहीं, बल्कि बाघराज वाले दादा का रूप हैं, जो अपने भक्तों की रक्षा के लिए समय-समय पर दर्शन देते हैं। मंदिर समिति के वरिष्ठ सदस्य ने बताया कि उन्होंने भी करीब 30 साल पहले अजगर दादा के प्रत्यक्ष दर्शन किए थे। उन्होंने कहा कि उस समय अजगर के शरीर पर मूंछें भी दिख रही थीं, जो एक दैवीय स्वरूप का संकेत देती हैं। पुजारी पुष्पेंद्र महाराज ने बताया कि नवरात्रि के दौरान अक्सर 10 से 12 फीट लंबे काले कोबरा या जोड़े में सांप मंदिर के फर्श पर दिखाई देते हैं, परंतु हैरानी की बात यह है कि इन सांपों ने आज तक किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया। कई बार अजगर मंदिर परिसर की बंद पेटियों, या यहां तक कि पास स्थित मानस भवन तक भी पहुंच चुके हैं।
पिछले साल निर्माण कार्य के समय भी बड़े-बड़े अजगर आकर पत्थरों पर बैठ जाते थे। कई बार पुष्पेंद्र महाराज स्वयं इन्हें बोरे में बंद कर पहाड़ी के पीछे सुरक्षित स्थान पर छोड़कर आए हैं। भक्तों का कहना है कि बाघराज मंदिर एक सिद्ध क्षेत्र है, और यहां बाघराज वाले दादा आज भी अपनी मौजूदगी का एहसास कराते हैं। दर्शन करना एक सौभाग्य है और यह नवरात्रि के दौरान विशेष रूप से होता है। आस्था और रहस्य का संगम बाघराज मंदिर न सिर्फ सागर जिले के लिए बल्कि पूरे प्रदेश के श्रद्धालुओं के लिए एक अद्भुत अनुभव बना हुआ है। अजगर दादा की दिव्यता को देखकर हर कोई कह उठता है – “साक्षात देवता अभी भी हमारे बीच हैं।