जिसने बचाई जा-न अब उसी ने थामा हाथ, माला डालकर रचा ली शादी, बड़ी दिलचस्प है इनके मिलन की कहानी
पति के निधन के बाद एक महिला पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। जैसे तैसे अपने बच्चों का चेहरा सामने रखकर वह जिंदगी को आगे बढ़ा रही थी। लेकिन परिवार वालों की उलाहना उसके लिए भारी पड़ने लगी, एक दिन उसने अपनी बच्ची को साथ लिया और जिंदगी की आस छोड़ कर रेलवे स्टेशन की तरफ बढ़ गई, तेजी से ट्रैक की तरफ बढ़ रही मां बेटी को देखकर एक व्यक्ति को शक हुआ और वह पीछा करते हुए उनके पास पहुंचा और फिर उन्हें बचा लिया। यह इस महिला और बेटी के लिए नया जीवन था। इसके बाद नई जिंदगी देने वाले इस व्यक्ति को महिला ने अपना मान लिया और फिर आगे की जिंदगी उसी के साथ जीने का फैसला किया जान बचाने वाले राम प्रसाद पारदी से महिला ने शादी कर ली।
दरअसल मध्य प्रदेश के गुना जिले के गोपालपुर निवासी काजल सहरिया 13 मार्च को अपनी बच्ची के साथ रेलवे ट्रैक पर जा रही थी। तभी नानाखेड़ी निवासी रामप्रसाद पारदी ने उसे बचाया और उसकी व्यथा सुनकर सहारा दिया। तब वहां पर खड़े नानाखेड़ी निवासी रामप्रसाद पारदी ने काजल को पटरियों से दूर ले जाकर उसकी व्यथा सुनी और दोनों को घर ले गया। जिसके बाद परिवार के लोगों ने दोनों से शादी करने की बात कही। रामप्रसाद पारदी की पत्नी का निधन करीब 8 महीने पहले टीबी की बीमारी के चलते हो गया था।
उसका एक बेटा है। काजल की भी एक बच्ची है और उसका सहारा उसके अलावा कोई नहीं था इसलिए एक जैसी परिस्थितियां होने के चलते दोनों ने मिलकर तय किया कि वे दोनों आपस में एक-दूसरे का साथ देंगे। रामप्रसाद और काजल ने शुक्रवार को कोर्ट पहुंचकर विवाह का अनुबंध करवा लिया। बताया जा रहा है कि दोनों नियमानुसार कोर्ट मैरिज की प्रक्रिया पूरी करेंगे लेकिन 21 मार्च से काजल और रामप्रसाद एक-दूसरे को पति-पत्नि मान बैठे हैं। रामप्रसाद के परिजनों और रिश्तेदारों ने काजल को नव दाम्पत्य जीवन की शुभकामनाएं दी हैं। इस अनोखे रिश्ते को भले ही वैधानिक मान्यता नहीं मिली है लेकिन दोनों ने एक-दूसरे के साथ जीवन बिताने का संकल्प ले लिया।