एमपी के सागर जिले के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में बच्चा वार्ड के लाइफ सपोर्ट सिस्टम खराब होने से 18 नवजात बच्चो की जान पर संकट आ गया। रात में ही 3 घंटे में नवजात बच्चो को BMC के SNCU से जिला अस्पताल के SNCU वार्ड में शिफ्ट किया गया। जो अब सुरक्षित है।
दरअसल BMC के बच्चा वार्ड में स्टेप्लाइजर नहीं था। रात करीब एक बजे हाई वोल्टेज होने की वजह से वेंटीलेटर, इंफ्यूजन पंप और बार्मर फॉल्ट हो गए । जिससे BMC के SNCU वार्ड में एडमिट 18 बच्चो की जान संकट में आ गयी । जिस कारण बच्चो को तकलीफ होने लगी और उनकी जान पर खतरा छा गया । इसकी जानकारी लगते ही बीएमसी में अफरा तफरी मच गई। जिसके बाद बीएमसी प्रबंधन, जिला अस्पताल के सिविल सर्जन, निगम आयुक्त, इंजीनयर और टेक्नीशियन मौके पर पहुंचे। उन्होंने सभी बच्चो को वहां से जिला अस्पताल में शिफ्ट कराया।
निगम आयुक्त आरपी अहिरवार ने कहा कि रात में पूरी ज्वाइंट टीम आ गई थी सभी ने मिलकर 18 बच्चों को शिफ्ट किया सभी सुरक्षित है।
अगले दिन सागर संभागीय कमिश्नर मुकेश शुक्ला ने बीएमसी पहुंचे। जहां उन्होंने अधिकारियो के साथ बैठक ली फिर बच्चा वार्ड का निरीक्षण। और बोले की हाईबोल्टेज की वजह से जो उपकरण खराब हुए थे उन्हें सुधार लिया गया है। जो कमिया सामने आई है उन्हें बेहतर से बेहतर सुधार किया जाएगा।
बता दे कि बीएमसी में बच्चा वार्ड इसी साल के अप्रेल महीने में शुरू हुआ है। लेकिन अभी तक यहाँ पर स्टेप्लाइजर नहीं लगाए गए। 15 लाख की लागत से लगने वाले स्टेपलाइजर के लिए बजट की कमी बताई जा रही थी। लेकिन कमिश्नर बोले ऐसी कोई बात नहीं है। बजट की कोई कमी नहीं है।
वही इसको लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा कि सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में वार्मर, इंफ्यूजन पंप, वेंटिलेट में फाल्ट से 18 मासूम बच्चो की जान पर बन आयी। ये है प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं के हाल, आखिर लीपापोती बंद क्र कब सच्चाई स्वीकारेगी शिवराज सरकार ?
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