सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बीना में विद्यारंभ संस्कार 11 वेदियों द्वारा हवन का वृहद आयोजन
समाज की इस बदलती परिस्थिति में नई पीढ़ी को सही दिशा प्रदान करने के लिए विद्यारंभ संस्कार एक सुअवसर है। सुअवसर पाने के लिए विद्या और वाणी की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती जी का अवतरण दिवस बसंत पंचमी शुभ मुहूर्त है। बसंत पंचमी के दिन विद्यारंभ संस्कार हमारी वैदिक परंपरा है। इस दिन किया गया हवन पूजन, विद्या का आरंभ जीवन में स्थाई विद्या बुद्धि प्रदान करता है एवं मेघा शक्ति का विकास प्रखर करता है।
सरस्वती शिशु मंदिर बीना में पार्टी पूजन करने आए 3 से 7 वर्ष तक के भैया बहिनों के अलावा विद्यालय की सभी भैया बहनों गढ़मान्य नागरिक, अभिभावक बंधु ने विश्व कल्याण हेतु यज्ञ आचार्य द्वारा बताए गए विधि विधान का पालन करते हुए हवन पूजन किया। शास्त्रों में इन नियमों को संस्कार नाम दिया गया है। विद्यालय परिसर में 16 संस्कार के फ्लेक्स, श्री राम दरबार की झांकी, सरस्वती जी की आकर्षक झांकियां लगाई गई।
प्रथक प्रथक अनार की कलम से व शहद से छोटे छोटे भैया बहनों की जिभ्या (जीभ) पर अभिमंत्रित कर ओम लिखा गया तथा मंत्रोचार के द्वारा पाटी पूजन कराया गया। शिशु वाटिका के 12 आयामों की भव्य झांकियां जिसमें आदर्श घर, बाग बगीचा, आदर्श प्रयोगशाला आदि प्रदर्शित की गई। इस कार्यक्रम में जिला सचिव महेश अग्रवाल, श्रीमती प्रभा अग्रवाल, विनोद कुमार अग्निहोत्री समिति अध्यक्ष,आदित्य बुधौलिया, प्राचार्य सुनील मुडोतिया, प्रधानाचार्य शरद पटेल, मीडिया प्रभारी भूपेंद्र सिंह ठाकुर,अभिभावक बंधु व समस्त आचार्य परिवार उपस्थित रहे।