Sagar- डेढ़ रुपए के लिए युवक ने 7 साल लड़ी लड़ाई, अब कोर्ट ने सुनाया ये फैसला
आज के समय में डेढ़ रुपये की कीमत शायद मामूली लगे, लेकिन सागर जिले के बीना नगर के रहने वाले चक्रेश जैन ने इसे अपने उपभोक्ता अधिकारों की लड़ाई का प्रतीक बना दिया. डेढ़ रुपये के लिए उन्होंने गैस एजेंसी के खिलाफ कोर्ट में केस दर्ज किया और 7 साल तक लड़ाई लड़ी. अंततः न्याय मिला और उपभोक्ता फोरम ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया. इसके बाद चक्रेश का कहना है कि “यह सिर्फ डेढ़ रुपये की बात नहीं थी, यह हमारे अधिकार और स्वाभिमान की लड़ाई थी.”
गैस एजेंसी के संचालक विजय हुरकट के लिए यह मामला एक कड़ा संदेश है. फोरम के आदेश से यह स्पष्ट हो गया है कि सेवा में कमी और उपभोक्ताओं के साथ कदाचार को अनदेखा नहीं किया जाएगा.
बता दे कि चक्रेश ने विजय श्री गैस एजेंसी से 15 नवंबर 2017 को गैस सिलेंडर बुक किया था, जब 17 नवंबर को हॉकर सिलेंडर लेकर पहुंचा, तो उसने सिलेंडर की तय राशि 753 रुपए 50 पैसे की बजाए, 755 रुपए ले लिए, जब उपभोक्ता ने डेढ़ रुपए वापस करने के लिए कहा, तो हॉकर ने कहा कि उसके पास खुल्ले रुपए नहीं हैं और इसके लिए मालिक से बात करने के लिए कहा, उपभोक्ता ने रुपए देकर हॉकर से रसीद पर 755 रुपए लेने के दस्तखत करा लिए और इसी आधार पर उपभोक्ता ने विजय श्री गैस एजेंसी के संचालक विजय हुरकट के खिलाफ केस जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग सागर में लगा दिया था
सात साल तक चले इस केस में आयोग अध्यक्ष राजेश कुमार कोष्टा व सदस्य अनुभा वर्मा ने साक्ष्यों के आधार पर इसे सेवा में कमी मानते हुए गैस एजेंसी संचालक को आदेश दिया है कि वह दो माह के अंदर 1 रुपए 50 पैसे का 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दो माह के अंदर भुगतान करें। इसके अलावा सेवा में कमी, व्यवसायिक कदाचरण, मानसिक, शारीरिक एवं आर्थिक क्षति के लिए 2000 रुपए व आवेदक के केस में खर्च हुए, दो हजार रुपए का भुगतान दो माह के अंदर करने का आदेश दिया है