गिद्धों” पर अध्ययन के लिए देश में पहली बार की जा रही रेडियो टैगिंग || SAGAR TV NEWS ||
पन्ना टाइगर रिजर्व न सिर्फ बाघों बल्कि गिद्धों के लिए भी विश्व प्रसिद्ध है। पर्यावरण के सफाई कर्मी कहलाने वाले गिद्धों पर अध्ययन के लिए यहाँ बाघों की तर्ज पर उनकी भी रेडियो टैगिंग की जा रही है। देश में गिद्धों की रेडियो टैगिंग का यह अनूठा और महत्वपूर्ण प्रयोग पहली बार हो रहा है। इसका उद्देश्य गिद्धों के रहवास, प्रवास के मार्ग एवं पन्ना लेण्डस्केप में उनकी उपस्थिति आदि की जानकारी जुटाना है। भविष्य में इनके बेहतर प्रबंधन में मदद मिल सके। गिद्धों की रेडियो टैगिंग का कार्य भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून से आए विशेषज्ञों की टीम की देखरेख में किया जा रहा है
जिसके अन्तर्गत पन्ना टाइगर रिजर्व में 25 गिद्धों को रेडियो टैगिंग किया जाएगा। फील्ड डायरेक्टर की माने तो पन्ना में गिद्धों की 7 प्रजातियां पाई जाती है। जिनमें से 4 प्रजातियां पन्ना टाइगर रिजर्व की निवासी प्रजातियां है और बाकि 3 प्रजातियां प्रवासी हैं। रेडियो टैगिंग कार्य के लिए भारत सरकार से आवश्यक अनुमति प्राप्त हो चुकी है। रेडियो टैगिंग से गिद्धों के रहवास, प्रवास के मार्ग और पन्ना लेण्डस्केप में उनकी उपस्थिति की जानकारी मिल सकेगी। जिससे भविष्य में इनके प्रबंधन में काफी मदद मिलेगी। पन्ना टाइगर रिजर्व अंतर्गत झालर के घास मैदान में यह कार्य प्रारंभ किया गया है। गिद्धों को पकड़ने के लिए वहाँ एक बड़ा सा पिंजरा बनाया गया है। रेडियो टैगिंग कार्य लगभग एक माह में पूरा होगा। बतादें की देश में यह पहला मौका है जब गिद्धों के अध्ययन के लिए उनकी रेडियो टैगिंग का कार्य किया जा रहा है।