धैर्य से ही प्रत्येक समस्या का समाधान सुनिश्चित हो जाता हैः डाॅ. प्रतिभा तिवारी
धैर्य से ही प्रत्येक समस्या का समाधान सुनिश्चित हो जाता हैः डाॅ. प्रतिभा तिवारी
विगत दिनों स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय एवं राज्य एड्स नियंत्रण समिति (शासकीय बुन्देल खण्ड चिकित्सा महाविद्यालय सागर) के संयुक्त तत्वाधान में ‘‘स्वास्थ्य जागरूकता अभियान’’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ। दीप प्रज्जवल एवं पूजन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर अध्यक्षीय की आसंदी से बोलते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष, भारतीय स्त्रीशक्ति मध्यप्रदेश, डॉ० प्रतिभा तिवारी जी ने कहा कि हमे किसी भी बिमारी से डरना नहीं है बल्कि हम उसका कैसे सामना कर सकते हैं उस पर कार्य करना है। जैसे हम कोरोना के साथ रहे वेसे ही ये बीमारी बहुत खतरनाक बीमारी है और जानकारी का अभाव ही हमे बीमारियों से ग्रसित करता है चाहे वह कोई भी बीमारी हो। हर बीमारी का कारण है डर।
डर अगर हमारे अन्दर होता है तो बीमारी ही नहीं जिन्दगी की हर समस्याओं से हमें परेशानी पैदा होती है और हर लडाई को हम हार जाते है। धैर्य से ही प्रत्येक समस्या का समाधान सुनिश्चित हो जाता है। वक्तव्य की अगली श्रृंखला में परामर्शदाता, बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय सागर के डॉ० अनुपम बोहरे जी ने कहा कि यह एड्स जैसी बीमारी एक ऐसी बीमारी है जो हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देती है। एड्स का इलाज हर चिकित्सालय में उपलब्ध होता है, लेकिन इसके लिए जल्दी जांच और इलाज कराना आवश्यक होता है। एड्स के बारे में जागरूकता फैलाने से हम इसे रोक सकते हैं। एड्स के बारे में खुलकर बात करें और इसके बारे में जागरूकता फैलाए यही इस संगोष्ठी का उद्दश्य है।
समाज को संकृमित व्यक्ति का सहयोग करना चाहिए न की उसका तिरस्कार करना चाहिए। जितना हम इस रोग के फैलने के तरीकों से वाकिफ होगे, उतना ही हम सावधान रहेंगे और रोग से बचे रहेगे। यह बीमारी साथ में खाना खाने या बात करने से नहीं फैलती है। अगर एक वायरस आ गया तो हमेशा रहता है, अगर वायरल लॉड को कम कर लिया जाए तो वायरस को रोक सकते है। वायरस का पता केबल जाँच से ही होता है न की उसकी बीमारी देख कर। गर्भवती महिला के बच्चे को एच०आई०वी० से बचाया जा सकता है इसके लिए प्रोपर इलाज कराना जरूरी होता है। कुछ चीजे छोड़ के हमे जागरूकता अभियान करके लोगांे को जागरूक कर सकते है। कहीं ना कहीं छुपाने के कारण यह बीमारी फैलती जा रही है जिसको हमंे रोकना है।
इससे लड़ने में सबसे ज्यदा व्यक्त्ति का मनोबल काम आता है अगर हम मन से हारे तो सब से हार जाते है मन में जीत रही तो सब से जीत जायंेगे। इसलिए हमे कभी हार नहीं माननी चाहिए। आभार ज्ञापन स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय के वाणिज्य एवं प्रबंध विभाग की विभागाध्यक्ष, डॉ० सुनीता दीक्षित जी ने किया। इस अवसर पर स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय सागर की प्रभारी कुलपति डॉ सुनीता जैन, उपकुलपति डॉ० नीरज तोपखाने, श्री अमित बोहरे, श्रीमती साधना चैधरी, श्रीमती अंतिमा शर्मा, डा० उमेश मिश्रा, डॉ० आर०के० सिंह, श्रीमती जाग्रती पटेरिया, श्रीमती सुषमा द्विवेदी एवं सभी प्राध्यापक के साथ समस्त छात्र-छात्रायें उपस्थित रहे। कल्याण मंत्र के साथ संगोष्ठी का समापन हुआ।