एक साथ ज-ली चार मासूमों की चि-ताएं,राज्य मंत्री धर्मेंद्र लोधी भी अंतिम संस्कार में हुए शामिल
एमपी के दमोह जिले के डूमर गांव में सोमवार को एक साथ चार मासूमों की चिताएं जलाई गई। रविवार को तालाब में डूबने से चार बच्चियों की मौत हो गई थी, जिसके अंतिम संस्कार में पूरा गांव उमड़ पड़ा। इस दौरान मध्य प्रदेश के पर्यटन संस्कृति राज्य मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी भी शामिल हुए। रविवार शाम चारों मासूम बच्चियां अपने परिजनों के साथ गांव में बने मंदिर में हो रहे भंडारे में शामिल होने गई थी। खाना खाने के बाद तीन बच्चियां मायाबाई (9 साल), पिंसो (12 साल), राजेश्वरी (12 साल) तलैया में नहाने चली गई।
जहां किनारे की मिट्टी ढहने से तीनों गहरे पानी में चली गई और डूबने लगी। इसी दौरान पानी में डूब रही राजेश्वरी की बड़ी बहन 13 साल की रागिनी उन्हें बचाने कूद गई। आसपास मौजूद लोगों ने केवल तीन बच्चियों को डूबते हुए देखा तो उन्हें बाहर निकाला और अस्पताल लेकर पहुंच गए। जहां डॉक्टर ने तीनों को मृत्य घोषित कर दिया। हालांकि, जब रात तक रागनी कहीं नहीं मिली तो गांव के लोगों ने जाकर तलैया में देखा तो उसका भी शव मिला।
इस तरह एक ही हादसे में चार मासूम बच्चियों की मौत हो गई। हादसे के अगले दिन यानी सोमवार सुबह को दमोह कलेक्टर सुधीर कोचर ने चारों मासूमों के परिजनों को अपने कार्यालय बुलाया। उन्होंने शोक संवेदनाएं व्यक्त करते हुए हर संभव मदद का आश्वासन दिया। इस दौरान परिजनों ने कलेक्टर कोचर को बताया कि जब वह अपनी बच्चियों को लेकर नोहटा अस्पताल पहुंचे तो वहां पर अस्पताल में न तो कोई डॉक्टर था और न ही कोई नर्स।
उन्हें मजबूरन बगैर इलाज कराए जिला अस्पताल आना पड़ा। यदि समय पर इलाज मिल जाता तो शायद बच्चियों की जान बच जाती। इस मामले को कलेक्टर ने गंभीरता से लिया है और परिजनों को आश्वासन दिया है कि जिन भी डॉक्टर और नर्स की लापरवाही होगी उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा परिजनों ने आर्थिक मदद बढ़ाने की भी मांग की है। इस पर कलेक्टर ने सीएमएचओ को निर्देश दिए हैं कि यदि संभव हो तो परिजनों को 4 लाख रुपए से अधिक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।