Sagar-बीना सिंचाई नदी परियोजना से 50 से ज्यादा गांवों को जोड़ने की मांग फिर तेज
सागर जिले की बीना सिंचाई नदी परियोजना से विधानसभा के छूटे हुए 50 से ज्यादा गांवों को जोड़ने की मांग को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों द्वारा जनसंपर्क किया जा रहा है। जनसंपर्क के बाद 21 जून को किसान बीना तहसील कार्यालय का घेराव करेंगे। बीना सिंचाई नदी परियोजना में 50 से ज्यादा गांवों को जोड़ा नहीं गया है। जिनको जोड़ने की मांग काफी समय से चल रही है। लोकसभा चुनाव के समय सभी गांवों के लोगों ने मतदान के बहिष्कार करने का मन बना लिया था। बीना में हुई चुनावी सभा मे मुख्यमंत्री ने सभी गांवों को जोड़ने का कहा था साथ ही यूनियन के सदस्यों से मिलकर उन्हें आश्वासन भी दिया था, तब ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार का निर्णय वापस ले लिया।
अब चुनाव के परिणाम आने के बाद भारतीय किसान श्रमिक जनशक्ति यूनियन, भारतीय किसान संघ और राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ किसान संगठन फिर सक्रिय हो गए हैं। वह गांव-गांव जाकर लोगों से सम्पर्क कर रहे हैं और 21 जून को तहसील का घेराव कर मुख्यमंत्री को स्मरण पत्र सौपेगे। संगठन के लोगो के साथ ग्रामीण भी जन सम्पर्क मे साथ जा रहे है। अभी तक देवल, छायनकाछी, भूट पिपरासर, बरोदिया, लहटवास, गिरोल, रामसागर, बेधई, बरमाइन सहित 35 से अधिक गांवों में जनसंपर्क कर चुके है ।
ग्रामीणों का कहना है सरकार के पास अभी समय है, इन गांवों को परियोजना में जोड़ने का। यदि अभी नहीं जोड़ा गया तो सभी गांवों के मतदाता आगामी विधानसभा के उप चुनाव का बहिष्कार करेंगे। यूनियन के संभागीय अध्यक्ष सीताराम ठाकुर ने कहा कि गांव-गांव जाकर जनसंपर्क किया जा रहा है। परियोजना में नाम जोड़े जाएं, इसके लिए ग्रामीणों से एकजुट होने की बात कही। मुख्यमंत्री ने पिछले माह चुनावी सभा के दौरान गांवों को जोड़ने का आश्वासन भी दिया था, इसलिए इन गांवों को लाभ दिलाने अब जनसंपर्क किया जा रहा है।