सागर - बस हड़ताल का सातवां दिन, ऑपरेटर्स शासन प्रशासन के बीच पहली बैठक में नहीं बनी सहमति
सागर में बसें चलाने से इनकार कर रहे ऑपरेटर्स और शासन-प्रशासन के बीच बातचीत विफल हो गई है, मंगलवार शाम सर्किट हाउस में केबिनेट मंत्री गोविंदसिंह राजपूत, वरिष्ठ विधायक शैलेंद्र जैन, कलेक्टर दीपक आर्य, नगर निगम कमिश्नर राजकुमार खत्री और बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन की तरफ से छुट्टन तिवारी व अन्य चर्चा के लिए जमा हुए। ये लोग पहले बंद कमरे में फिर बैठक कक्ष में चर्चा करते रहे लेकिन कोई सार नहीं निकला। ऑपरेटर्स, बस स्टैंड का संचालन वापस प्राइवेट और राज्य परिवहन बिल्डिंग से कराने की मांग पर अड़े रहे। जबकि प्रशासन ने उनके समक्ष अपनी बात रखी। उन्हें याद दिलाया कि बस स्टैंड का स्थान निर्धारित करने से लेकर निर्माण तक आपकी सहमति रही है। यहां तक कि पिछले दिनों आरटीओ वाले बस स्टैंड पर आपकी मांगों के मद्देनजर वहां दुकानों का निर्माण और सीसी रोड बना दी गई। अब आप लोग अपने निर्णय से बदल रहे हैं। जो सही नहीं है। जवाब में ऑपरेटर्स चुप रहे और उन्होंने कहा कि यह एक बड़ा मसला है। जिस पर एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्य निर्णय लेने के अधिकृत हैं। इसलिए हमें दो दिन का समय दिया जाए।
बस ऑपरेटर्स के इस मसले पर कलेक्टर दीपक आर्य भी मीडिया के सामने आए जिसमें अपना पक्ष रखते हुए कहा कि 1990 में शहर के मुख्य व प्राइवेट बस स्टैंड का निर्माण हुआ था। उस समय जिले की आबादी 15 लाख थी। जो अब 30 लाख हो गई है। उस समय सड़कों पर कुल 195 बसें और आज 549 दौड़ रही हैं। तब सभी तरह के वाहनों की संख्या करीब 65 हजार थी। अब करीब 5 लाख हो गई है। ऑपरेटर्स को इन बिंदुओं पर भी ध्यान देना चाहिए। सड़कों की साइज लगभग वही है जो पहले थी। लेकिन उन पर ट्रैफिक का दबाव बढ़ गया है। ऐसे में शहर के भीतर से बस स्टैंड का संचालन अव्यवहारिक, लोगों की जान को जोखिम में डालने वाला है। कलेक्टर आर्य वर्ष 2020 और 2021 की स्मार्ट सिटी की बैठकों के हवाले से बस SAGAR
स्टैंड के निर्माण में ऑपरेटर्स समेत अन्य सभी की सहमति के बारे में जानकारी दी।