आधा दर्जन गांवों में था जलसंकट, ग्रामीणों ने दी मतदान न करने की चेतावनी, फिर बदली तस्वीर
सीहोर जिले के आधा दर्जन गांव के लोग जलसंकट से जूझ रहे थे। न तो जनप्रतिनिधि सुध ले रहे थे और न ही अधिकारी अपनी जिम्मेदारी समझने को तैयार थे। ग्रामीणों ने एकजुट होकर लोकसभा चुनाव में मतदान के बहिष्कार की चेतावनी दे डाली। इसके बाद तो रातों—रात बारिंग मशीनों से खुदाई शुरू करा दी गई। सभी गांव में बोर हो गए हैं। ग्रामीणों ने अधिकारियों का आभार मानते हुए शत—प्रतिशत मतदान का संकल्प लिया है।
जानकारी के मुताबिक सीहोर जिले के धनखेड़ी, मगरखेड़ा चादवङ, नोनूखेड़ी, फूलमोगरा के ग्रामीण भीषण जल संकट से जूझ रहे थे। परेशान ग्रामीणों आगामी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी थी। इसके लिए समाजसेवी एमएस मेवाड़ा के नेतृत्व में सभी ग्रामीणों ने सीहोर कलेक्टर, मुख्य चुनाव आयुक्त और प्रमुख अभियंता पीएचई विभाग को ज्ञापन सौंपकर अपनी पीड़ा सुनाई।
इसके बाद सीहोर कलेक्टर के आदेश पर सभी ग्रामों में नलकूप खनन किए गए। पानी की व्यवस्था होने पर सभी गांव के लोग खुश हुए। सभी ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव में शत—प्रतिशत मतदान करने की शपथ ली। ग्रामीणों ने जलसंकट से मुक्ति मिलने पर समाजसेवी एमएस मेवाड़ा का साफा बांधकर और फूल मालाओं से स्वागत किया। इसके अलावा अधिकारियों का भी आभार माना।