फिर बदला मौसम, ओलावृष्टि से ढक गईं सड़कें, तेज आंधी ने भी सताया, जानिए कहां क्या हुआ ?
शिमला नहीं ये है एमपी का शहर ओलों से सड़कों पर फैली सफेदी
फिर बदला मौसम, ओलावृष्टि से ढक गईं सड़कें, तेज आंधी ने भी सताया, जानिए कहां क्या हुआ ?
मप्र के मौसम से एक बार फिर करवट ली है। मंगलवार की शाम के बाद मौसम में एकदम बदलाव देखने को मिला। इससे प्रदेश के कई इलाकों में ओलों की बरसात देखने को मिली। डामर की काली सड़कें ओलों के ढेरों ऐसे सफेद हो गईं। वाहन चालकों को लगा मानों शिमला और कश्मीर में बर्फबारी के बीच यात्रा कर रहे हैं। इसके अलावा कई हिस्सों में तेज आंधी देखने को मिली जिसमें लोहे की चद्दरें कागज के टुकड़ों की तरफ उड़ती दिखीं। अचानक बारिश से किसानों का अनाज नालों में बह गया। आइए जानते हैं कहां कैसा नजारा रहा
पिछले तीन दिन से आसमान में बादलों ने डेरा डाल रखा है। पहले चरण में ओलावृष्टि, हवा और पानी ने लोगों की चिंता बढ़ा दी थी। दूसरे चरण में मंगलवार की शाम फिर बादलों ने गर्जना शुरू कर दी। बिजली तड़कने और बादलों के गर्जने से लगा मानों कयामत आने वाली है। छिंदवाड़ा में कई किलोमीटर में ओले बिछे दिखाई दिए। जहां तक नजर फैलाओ ओले ही ओले बिछे पड़े थे। सिवनी रोड पर शहर से लगे रामगड़ी के पास चने आकार के ओले गिरे। जिससे सड़क पर बर्फ की सफेद चादर दिखाई दी यह नजारा देख कर लग रहा था मानो शिमला, या जम्मू—कश्मीर में आ गए हों। डामर की काली सड़कों पर ओले ऐसे बिछे थे मानों किसी सफेद चादर डाल दी हो। चार पहिया वाहन चालकों ने इस मौसम का काफी लुत्फ उठाया। लोगों ने रुक—रुककर यह नजारा अपने मोबाइलों में कैद किया। मौसम में एकदम बदलाव से ठंडक आ गई। इससे कई घंटों तक ओले उसी हाल में पड़े रहे। वहीं नरसिंहपुर जिले में भी लगातार दूसरे दिन बारिश कहर बनकर बरसी। गाड़रवारा तहसील के ग्राम घूरपुर में अचानक बरसात से किसानों की खेत में रखी गेँहू की फसल नाले में बह गई। अन्य किसानों को भी इसी तरह की परेशानियां झेलनी पड़ीं। इस समय खेतों में कटाई और गर्मी की मूंग बोई जा रही है। मौसम के बदलाव ने अन्नदाता को फिर से संकट में डाल दिया है। एक दिन पहले ही यहां तेज हवा से सालों पुराने बड़े—बड़े पेड़ धराशायी हो गए थे। इसी तरह खरगोन में तेज आंधी का कहर देखने को मिला। यहां भी कई जगहों पर पेड़ टूटकर जमीन पर फैल गए। इससे आवागमन अवरुद्ध हुआ। इंदौर इच्छापुर स्टेट हाईवे पर तो तेज़ हवा के साथ आंधी ने तांडव मचाया। उड़ती धूल से लोगों को आगे का दिखना ही बंद हो गया। घरों—मकानों और दुकानों पर बिछाई चद्दरें हवा में कागज के टुकड़ों और पतंगों की तरह उड़ती दिखीं। कई जगह राहगीर लोहे की चद्दरों के नीचे दबकर घायल हो गए। रहवासी इलाकों में छतों पर रखा सामान और कपड़े उड़ गए। धूल के वजह से जहां एक ओर सामने का दिखना बंद हो गया वहीं सांस लेने में भी तकलीफ हुई। मौसम विभाग ने अगले दो—तीन दिन और ऐसे ही माहौल रहने की चेतावनी जारी की है। ऐसे में सावधानी ही सुरक्षा मानी जा सकती है।