सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ताला,दर्द से करहाते मिले मरीज,आचार संहिता में मनमानी | sagar tv news
छतरपुर के बक्सवाहा में डॉक्टरों और मेडिकल स्टॉफ की मनमानी सिर चढ़कर बोल रही है। आचार संहिता में मुख्यालय न छोड़ने के आदेश के बाद भी मंगलवार को बीएमओ मय स्टॉफ के ताला डालकर गायब हो गए। दोपहर 12 बजे तक मरीज तड़पते रहे लेकिन जिम्मेदार नजर नहीं आए। तहसीलदार भरत पांडे ने जब अस्पताल का नजारा देखा तो उनका माथा ठनक गया। उनके पहुंचने की खबर मिलते ही एक—दो कर्मचारी अस्पताल पहुंच गए।
तहसीलदार ने उन्हें जमकर फटकार लगाई। बेशर्म कर्मचारी ने तर्क दिया कि छुट्टी थी। इसलिए कोई नहीं था। विकासखंड का एकमात्र सरकारी अस्पताल बंद हो तो जनता की तकलीफ को समझा जा सकता है। निरीक्षण के बाद भी बीएमओ ने मौके पर पहुंचना जरूरी नहीं समझा। कई मरीज बिना इलाज के ही लौट गए तो कई गरीब मरीज वहीं तड़पते रहे। यह तो निरीक्षण में उनकी कलई खुल गई नहीं तो शिकायत करने या आवाज उठाने वालों पर थाने में झूठे मुकदमे दर्ज करा दिए जाते। चौंकाने वाली बात यह है कि इस समय आदर्श आचार संहिता लागू है।
ऐसे में बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना कोई भी अधिकारी—कर्मचारी अवकाश पर नहीं जा सकता। इसके बाद भी यहां अस्पताल से पूरा स्टॉफ ही गायब हो गया। आपको बता दें कि यह अस्पताल लंबे समय से विवादों से घिरी रहती है। कुछ दिन पहले इलाज न मिलने के विवाद पर एफआईआर तक दर्ज कराई जा चुकी हैं।
तहसीलदार के निरीक्षण में इतनी बड़ी लापरवाही सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग कटघरे में दिखाई दे रहा है। अब देखना यह है कि बेलगाम अधिकारियों पर कर्मचारियों पर प्रशासन क्या कार्रवाई करता है।