खजुराहो से सपा की ओर से प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन निरस्त, जानिए किस वजह से लगा झटका ?
मीरा यादव का नामांकन निरस्त खजुराहो में इंडिया गठबंधन को झटका
खजुराहो से सपा की ओर से प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन निरस्त, जानिए किस वजह से लगा झटका ?
खजुराहो लोकसभा क्षेत्र से बड़ी खबर सामने आई है। यहां इंडिया गठबंधन की ओर से सपा प्रत्याशी मीरा दीपनारायण यादव का नामांकन शुक्रवार को निरस्त हो गया है। नामांकन निरस्त होने की वजह आवेदन में एक जगह प्रत्याशी के हस्ताक्षर न होना एवं पुरानी वोटर आईडी लगाना बताई जा रही है। प्रत्याशी के पति पूर्व विधायक दीपनारायण यादव ने निर्वाचन अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि हमने पहले ही नामांकन जमा करा दिया था। अगर उसमें कोई कमी रह गई थी तो एक दिन पहले बता देते। निर्वाचन आयोग की गाइड लाइन के अनुसार यह व्यवस्था है कि अगर प्रत्याशी के फार्म में कोई कमी रह गई है तो उसे पूरा कराया जाए। इसके पीछे यह मंशा रहती है कि अनपढ़ प्रत्याशी भी चुनाव लड़ सके। आज नामांकन का समय बीत जाने के बाद कमी बता रहे हैं अगर पहले बता देते तो हम सुधार करा लेते। इस मामले में हम हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे। अभी 15 फार्म और जमा हैं हम उनमें से किसी न किसी को चुनकर चुनाव लड़ेंगे। यहां बता दें मीरा यादव निवाड़ी की पूर्व विधायक हैं। उनके पति दीप नारायण सिंह यादव भी एमपी में सपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे चुके हैं। वह 2007 से 2017 तक यूपी के झांसी जिले की गरौठा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। वहीं खजुराहो लोकसभा क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर व पन्ना कलेक्टर सुरेश कुमार ने मीडियाकर्मियों को मीटिंग हॉल में बुलाया। जहां कैमरे और मोबाइल नहीं ले जाने दिए। कलेक्टर ने सपा प्रत्याशी के नामांकन फॉर्म के रिजेक्ट होने की 2 वजह बताई हैं। उन्होंने कहा कि सपा प्रत्याशी मीरा यादव ने अपने नामांकन फॉर्म में सत्यापित मतदाता सूची संलग्न नहीं की थी। साथ फॉर्म में दो जगह हस्ताक्षर भी नहीं पाए गए हैं। आपको बता दें खजुराहो लोकसभा सीट मीरा यादव के सामने बीजेपी एमपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा मैदान में हैं। कांग्रेस ने यहां अपना कैंडीडेट ही नहीं उतारा। यहां विपक्ष के इंडिया गठबंधन की ओर से पहले सपा ने मनोज यादव को प्रत्याशी बनाया। दो दिन बाद ही 1 अप्रैल को टिकट बदलकर पूर्व विधायक मीरा यादव को प्रत्याशी बनाया था। अब उनके नामांकन रद्द होने से विपक्ष यहां चारों खाने चित्त होते दिख रहा है। नामांकन निरस्त होने के बाद अब देखना होगा कि खजुराहो लोकसभा सीट राजनीति किस तरफ करवट लेती है।