विश्व प्रसिद्ध करीला धाम में लगा विशाल मेला, 25 लाख लोग पहुंचे, जानिए क्यों प्रसिद्ध हैं स्थान ?
करीला धाम पहुंचे 25 लाख श्रद्धालु नज़ारा देखकर दंग रह जायेंगे आप
विश्व प्रसिद्ध करीला धाम में लगा विशाल मेला, 25 लाख लोग पहुंचे, जानिए क्यों प्रसिद्ध हैं स्थान ?
करीला नाम सुनते ही राई बधाई की तस्वीर आंखों में घूमने लगती है। कहते हैं यहां सीता माता ने अपने पुत्र लव और कुश को जन्म देकर उनका पालन पोषण किया था। यहां पर भगवान राम के बिना माता सीता मैया का मंदिर है। जब भगवान राम ने मर्यादा का पालन करते हुए सीता जी का परित्याग कर दिया तब वह इसी स्थान पर रहीं थीं। यहां लव—कुश और वाल्मीकि जी का भी मंदिर है। वाल्मीकि गुफा पंचमी के दिन ही खुलती है इस गुफा में जलने वाली ज्योति वर्ष भर जलती रहती है। दूर—दूर से श्रद्धालु माता जानकी के दरबार में बधाई करवाने आते हैं। वैसे तो इस सिद्ध स्थान में सभी तरह की मनोकामनाएं पूरी होती हैं लेकिन बच्चों के जन्म पर बधाई का यहां विशेष महत्व है। महिला—पुरुष यहां गोद भरने की मनोकामना लेकर जाते हैं फिर यहां राई नृत्य के रूप में बंधाई होती है। रंगपंचमी का यहां का मेला देशभर में प्रसिद्ध है। शनिवार को भी यहां श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। शुक्रवार की रात तक यहां लगभग 10 लाख श्रद्धालु पहुंचे चुके थे। शनिवार की दोपहर तक आंकड़ा 25 लाख पहुंच चुका था। चारों तरफ दूर—दूर तक जहां नजरे जा पाती भीड़ ही भीड़ दिख रही थी। हजारों नर्तकियां यहां पारंपररिक अंदाज में राई नृत्य पेश कर रही थीं। सभी ओर से बधाई के सुर ही सुनाई दे रहे थे। गांव—गांव और शहरों से लोग यहां बधाईयां करवाने पहुंचे। विशाल मेले में लोगों की जरूरतों का हर उपयोगी सामान मिलता है। इसलिए मेले में बड़ी संख्या में लोग खरीदारी करने भी पहुंचते हैं। पहले यह मेला अपने आप ही लगता था अब प्रशासनिक व्यवस्थाएं होने लगी हैं। काफी संख्या में पुलिसबल तैनात रहता है। वीआईपी नेता और अफसर भी इस स्थान पर पहुंचते हैं। शनिवार को यहां नजारा देखते ही बन रहा था। लाखों की भीड़ मन में श्रद्धा लिए माता के दरबार में शीश झुका रही थी। रोशनी से जगमग करीला धाम लोगों का मन मोह रहा है।