Sagar-बनना था स्कूल, कालोनाइजर ने काटी कालोनी, बुलडोजर चलाकर छुड़ाई 6 करोड़ की जमीन

 

सागर में भू-माफियाओं के हौसले दिनों-दिन बढ़ते जा रहे हैं। कालोनाइजर इस कदर बेलगाम हो गए हैं कि सरकारी जमीनों पर प्लाट काटकर बचेने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। शहर से लगे पथरिया जाट में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। इसमें शिक्षा समिति के लिए आरक्षित जमीन पर ही अवैध रूप से कालोनी काट दी गई थी।

 

 

शिकायत के बाद प्रशासन की नींद खुली तो बुलडोजर चलाकर कालोनाइजर के अरमान तहस-नहस कर दिए। जिस जमीन पर कब्जा किया गया था उस जमीन की कीमत 6 करोड़ रुपए आंकी गई है। आईए जानते हैं कैसे कटी स्कूल की जमीन पर कालोनी और फिर कैसे गरजा प्रशासन का बुलडोजर


यह जो मशीनों की गड़गड़ाहट सुनाई दे रही है, यह ग्राम पंचायत और प्रशासन के जागने और की सख्ती की आवाज है। यह पथरिया जाट की सरकारी जमीन है। यहां पर शैक्षणिक गतिविधियों के लिए स्कूल खोला जाना था लेकिन इस पर कालोनाइजर की नजर पड़ गई। बस फिर क्या था? यहां पर रुपयों का जंगल खड़ा करने की तरकीबें लगाई जाने लगीं।

 

 

 

टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के नक्शे को रद्दी टोकरी में डालकर दो पटवारी हल्कों के बीच की सरकारी जमीन पर सीमेंट—कांक्रीट की रोड बना दी गई। सरकारी नाला मिटा दिया गया। पानी रोकने बनाया स्टॉप डैम भी तोड़ दिया। पुलिया मिटा दी, सांची प्लांट के बाजू में अवैध उत्खनन शुरू हो गया। पेड़ काट दिए गए। किसानों के खेतों के रास्ते बंद हो गए। उन्हें जमीनें बेचने के लिए सताया जाने लगा।

 

 

यशोदा बाई शिक्षण समिति की जमीन पर प्लाट कट गए। सरकार की 6 करोड़ रुपए कीमत की जमीन अतिक्रमण के दलदल में डूब गई। यह सब होता रहा लेकिन प्रशासन गहरी नींद में सोता रहा। जब शिकायत हुई और मामले ने तूल पकड़ना शुरू किया तो अधिकारी भागे—भागे मौके पर पहुंचे। शनिवार की सुबह एसडीएम विजय डहेरिया, तहसीलदार प्रवीण पाटीदार, आरआई, पटवारी और पुलिसबल ने डेरा डाल लिया।

 

 

इसके बाद मशीनों की गड़गड़ाहट शुरू हो गई। अवैध कालोनी राम नरेश पिता बुंदेल सिंह राजपूत द्वारा काटी जा रही थी। फिलहाल प्रशासन ने सरकार की बेशकीमती जमीन अतिक्रमण से मुक्त करा ली है।

 

 

सरकारी जमीन पर कब्जा होता रहा, कालोनी कटती रही। प्रशासन सोता रहा। भला हो ग्राम सरपंच प्रमोद यादव का। जिन्होंने सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटवाने मोर्चा खोल दिया। उन्होंने कालोनाइजर की करतूतों की लिखित शिकायत सरकारी कार्यालयों में की। इसके बाद अधिकारी अतिक्रमण हटाने मजबूर हो गए। इस तरह स्कूल और गांव की जमीन पर कालोनी कटने से रुक गई। एसडीएम विजय डेहरिया ने बताया कि इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।

 

 


वीओ 3 प्रशासन भले ही 6 करोड़ की जमीन मुक्त कर अपनी पीठ थपथपा रहा हो लेकिन एक सवाल सारी वाहवाही पर भारी है। सवाल है कि आखिर कालोनी कटते समय प्रशासन कहां सोता रहा? अगर अधिकारी सजग होते तो शायद ही कोई सरकारी जमीन पर कब्जा कर अवैध कालोनी काटने की हिम्मत जुटा पाता।

 

 

सरकार की यह आखिरी जमीन नहीं जिस पर अतिक्रमण किया गया हो। अभी भी बड़ी संख्या में ऐसे कब्जाधारी इस उदासीनता का फायदा उठा रहे हैं। अब देखना यह है कि यह कार्रवाई यहीं थम जाती है या अभियान बनकर बुलडोजर सागर में अतिक्रमणकारियों को सबक सिखाता रहेगा?


By - sagartvnews
23-Mar-2024

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