सागर-मिनी वृंदावन में भक्तों ने भगवान संग खेली होली, आनंद को देखकर बरसाना भी भूल जाएंगे
रंगों का त्योहार होली भले ही रविवार को होलिका दहन के बाद शुरू होगा। पर मंदिरों में भगवान और भक्तों के बीच फूलों और अबीर- गुलाल की होली शुरू हो चुकी है। जो रंगपंचमी और उसके बाद तक जारी रहेगी। कृष्ण मागी भक्त अपने आराध्य से बसंत पंचमी से ही होली खेल रहे है।
सागर शहर के प्रमुख मंदिरों में रंगभरी एकादशी से ही भगवान को प्रतिदिन गुलाल चढ़ने लगी है। जिसमें मुख्य रूप से श्रीदेव बकि राघवजी मंदिर, द्वारिकाधीश मंदिर, लक्ष्मीनारायण मंदिर, श्रीदेव धनेश्वर मंदिर, चकराघाट स्थित धनुषधारी मंदिर, काकागंज राम दरबार सहित विभिन्न मंदिरों में भगवान को राजभोग आरती के पूर्व गुलाल चढ़ाई जा रही है। शहर में 150 से अधिक स्थानों पर होलिका दहन किया जाता है। जो इस बाद भद्रा की समाप्ति पर रात 10:30 बजे के बाद होगा। होलिका दहन के बाद अबीर गुलाल उड़ना शुरू हो जाएगी।
बड़ा बाजार स्थित श्रीदेव बाँके राघवजी मंदिर में शुक्रवार को भक्तों एवं भगवान के बीच एक क्विंटल फूलों से फूल होली खेली गई। पुजारी निताई दास ने बताया कि सुबह ठाकुर जी का अभिषेक पूजन किया गया। शाम को फूलों की होली में खेलत फाग फिरत रस फूले, श्यामा श्याम प्रेम बस नाचत गावत सुरंग हिंडोरे झूले.... ऐसो वसंत मत खेलो रे मोहन, कहा कहेगी सखी सब संग की, मत पकरो करसों कर मेरी मत छूओ अंगिया मेरे अंग की। मत खोलो घुंघटपट प्यारे, मत मारौ पिचकारी रंग की.. जैसे पदो पर भक्त जमकर नाचे। इसके बाद बरसाने की लठ्ठर मार और लड्डू मार होली खेली