Sagar-गायत्री शक्तिपीठ की जेल में खोलेगा पुस्तकालय, धर्म और ज्ञान से बदलेगी जीवन की दिशा
केंद्रीय जेल सागर में कैदियों के ज्ञान को बढ़ाने और सकारात्मक सुधार लाने के लिए गायत्री शक्तिपीठ एक पुस्तकालय खोलने जा रहा है। इसमें दस हजार पुस्तकों का संग्रह रहेगा। इसके अलावा 15 मार्च को इस पुस्तकालय का शुभारंभ होगा। इसके साथ ही पांच दिवसीय प्रज्ञा पुराण कथा का भी शुभारंभ होगा। यह कथा 19 मार्च तक चलेगी।
गायत्री शक्तिपीठ के मुख्य प्रबंध ट्रस्टी इंद्रपाल सिंह राय ने बताया कि जो कैदी गायत्री परिवार से जुड़े हुए हैं और गायत्री मंत्र का जाप करते हैं। उनमें बहुत से बदलाव आ रहे हैं। उनका जीवन एक नई दिशा में जा रहा है, जेल से बाहर आने के बाद वह किसी भी तरह की अपराध में लिप्त होने से बचेंगे। उन्होंने यह भी बताया की पुस्तकालय खोलने के पीछे यही उद्देश्य है कि कैदियों में विभिन्न चीजों को लेकर सकारात्मक भावना पैदा हो।
पुस्तकालय में गायत्री साहित्य के अलावा पंचकोशीय साधना, व्यक्तित्व निर्माण, गायत्री उपनिषद, रामायण, चारों वेद और अन्य धार्मिक किताबों के अलावा महिला बंदियों के लिए नारी सशक्तिकरण से संबंधित किताबें उपलब्ध कराई जाएंगी। जेलर दिनेश नरगावी ने बताया की गायत्री परिवार लंबे समय से जेल में कुछ ना कुछ कार्यक्रम करते आ रहा है। अभी जेल में जो लाइब्रेरी है उसे बड़े रूप में एक्सटेंड किया जा रहा है जिसमें गायत्री परिवार का पूर्ण सहयोग मिल रहा है|
लाइब्रेरी में 10000 किताबों का संग्रह करने का लक्ष्य है। इससे कैदियों का समय अच्छा बीतेगा और जेल से निकलने के बाद वह सही रास्ते पर अपना जीवन व्यतीत कर सकेंगे