पूर्व प्रधानमंत्री ने सागर में लिखा था इतिहास, जीवन की पहली सभा करने पहुँचे थे यहां
लोकसभा चुनाव को लेकर सरगर्मिया तेज है, देश के दिल में बसे सागर का भी हमेशा से राजनैतिक और भौगोलिक महत्व रहा है, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री
राजीव गांधी ने भी अपने राजनीतिक जीवन की पहली चुनावी आमसभा और रोड-शो सागर जिले में किया था। राजीव गांधी 1981 में हुए लोकसभा के उपचुनाव में स्टार प्रचारक थे, उपचुनाव में सागर जिले में तीन सभाएं की थीं
दरअसल 1980 में सागर से चुनी गई, सांसद सहोद्रा बाई राय का निधन हो गया था, 1981 में लोकसभा के उपचुनाव होना हो रहे थे, श्यामलाल ठक्कर को कांग्रेस ने लोकसभा का टिकट दिया था, इसी समय 37 साल की उम्र में राजीव गांधी की भी राजनीति में एंट्री हुई थी, सागर संसदीय सीट पर उपचुनाव के दौरान कांग्रेस ने स्टार प्रचारक के तौर पर सागर भेजा था, 23 दिसंबर 1981 को सागर लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी श्यामलाल ठक्कर के प्रचार के लिए बीना पहुंचे थे,
शास्त्री वार्ड स्थित शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय क्रमांक-एक में आमसभा होने के बाद उनका बीना में रोड-शो भी हुआ था बीना के बाद उन्होंने खुरई और सागर में भी आमसभाएं की थी। उन्हें देखने के लिए सागर में उस दौरान हजारों लोगों की भीड़ जुटी थी। लोग उनकी एक झलक देखने के लिए आतुर थे। हालांकि पार्टी में स्थानीय स्तर पर विरोध के चलते ठक्कर अपने प्रतिद्वंदी बीजेपी प्रत्याशी रामप्रसाद अहिरवार से चुनाव हार गए थे।
बीना में राजीव गांधी की सभा की तैयारियों को लेकर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व. अर्जुन सिंह सहित कई मंत्रियों ने दो दिन पहले ही बीना में डेरा डाल लिया था। बीना में उनकी पहली चुनावी सभा थी, उनका आना इसलिए भी चर्चा का विषय रहा कि एक तो वे प्रधानमंत्री के बेटे थे दूसरा बीना में पहली बार हेलिकॉप्टर उतरा था। जो यहां के लोगों के लिए एक नई और कौतूहल की बात थी।
कांग्रेस के टिकट पर उपचुनाव लड़े श्यामलाल ठक्कर मूलरूप से सागर निवासी हैं। 1981 में हुए उपचुनाव के पहले वे दमोह शासकीय कॉलेज में प्रोफेसर थे। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा बनाई तीन लोगों की पैनल ने उनके नाम पर मुहर लगाई थी। टिकट मिलने के बाद वे नौकरी से इस्तीफा देकर चुनाव लड़े थे। हालांकि चुनाव हारने के बाद वे संगठन में सक्रिय रहे और 1985 में दमोह जिले की पथरिया सीट से कांग्रेस प्रत्याशी बनकर चुनाव लड़ा और विजयी होकर विधानसभा पहुंचे थे।