सागर-एसडीओपी को क्यों देनी पड़ी दबिश? आखिर कैसे भागे जुआरी? कटघरे में पुलिस
SDOP को देख भागे जुआरी क्या लोकल पुलिस का था संरक्षण ?
सागर-एसडीओपी को क्यों देनी पड़ी दबिश? आखिर कैसे भागे जुआरी? कटघरे में पुलिस
जिले में जुआ-सट्टे का कारोबार जमकर फल—फूल रहा है। जैसीनगर थाना क्षेत्र के सत्ताढाना में लंबे समय से जुआफड़ चल रहा था। लोकल पुलिस जुआरियों पर मेहरबान थी। इस कारण यहां आए दिन जुआरियों की जमात बढ़ती जा रही थी। जुआफड़ चलने की सूचना पुलिस के आला अधिकारियों तक पहुंची। इसके बाद राहतगढ़ एडीओपी योगेंद्र सिंह ने नरयावली पुलिस की टीम बनाकर अचानक घेराबंदी की। पुलिस को देखते ही जुआरियों ने खेतों में दौड़ लगा दी। कुल तीन जुआरी ही पकड़ में आ सके। उनके पास से 7 हजार 400 रुपए नकद मिले हैं। इसके अलावा मौके पर एक दर्जन मोटर साइकिलें मिलीं हैं। जुआरियों को बाइक उठाने का मौका नहीं मिल पाया। एसडीओपी ने ट्रैक्टर—ट्राली की मदद से सारी बाइकें थाने में रखवा दी हैं। अब यह मोटर साइकिलें ही जुआरियों की पहचान बताएंगी। इस रहस्यमयी जुआफड़ पर पुलिस ने दबिश तो दे दी लेकिन अब इसकी जानकारी देने से अधिकारी बच रहे हैं। खुद एसडीओपी ने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। ऐसा लगता है कि जुआफड़ चलाने वालों को स्थानीय पुलिसकर्मी संरक्षण दिए हुए थे तभी एसडीओपी को दूसरे थाने की पुलिस लेकर घेराबंदी करनी पड़नी। विभाग की किरकिरी होते अब एसडीओपी भी कैमरे के सामने आने से बचते दिख रहे हैं। अब देखना यह है कि बाकी जुआरी पुलिस कैसे पकड़ती है और जैसीनगर थाना के पुलिसकर्मियों पर क्या कार्रवाई होती है।