सागर-बीना रेलवे स्टेशन पर नाले में तब्दील हुईं पटरियां, प्लेटफार्म पर कैसे बैठें यात्री?
दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर स्थित बीना रेलवे जंक्शन पर इन दिनों गंदगी का साम्राज्य फैला हुआ है। गंदगी इतनी है कि रेल पटरियां गंदे पानी में डूबी हुई हैं। मरे जानवरों की बाॅडी से ऐसी दुर्गंध उठ रही है कि यात्रियों को उल्टियां तक हो जाती हैं। इस तरह यात्रियों का प्लेटफार्माें पर बैठना मुश्किल है। यात्री दूसरे प्लेटफार्माें पर बैठकर गाड़ियों के इंतजार कर रहे हैं। साफ-सफाई पर रेलवे विभाग का कोई ध्यान नहीं है। जगह-जगह से निकला गंदा पानी एप्रान में जमा हो रहा है। जानकारी के अनुसार ट्रैक पर आने वाला पानी खराब ड्रेनेज सिस्टम की वजह से प्लेटफार्म नंबर 2 और 3 के ट्रैक पर भर रहा है।
इसमें दबाव के कारण ड्रेनेज सिस्टम के नीचे से गंदा पानी जमीन से लीक होकर ट्रैक के ऊपर आ रहा है। वहीं पानी की निकासी न होने से निकल नहीं पाता। दशकों पुराने ड्रेनेज सिस्टम की मरम्मत न होने के कारण यह हालात बन गए हैं। इस ट्रैक पर गंदे पानी में खड़े होकर कर्मचारियों को इंजन की कपलिंग तक जोड़नी पड़ रही है। लेकिन प्रबंधन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। यहां तक इस गंदे पानी के कारण प्लेटफार्म पर बैठना भी यात्रियों के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं है। यात्री धर्मेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि रोजाना बड़ी संख्या में लोगों का आना-जाना स्टेशन पर लगा रहता है। ऐसे में पटरियों पर भरा पानी और गंदगी के कारण दुर्गंध के बीच लोगों का रुकना तक दूभर हो रहा है।
यात्री स्वाति परिहार ने बताया कि ट्रेन आने के पहले वह करीब आधे घंटे पहले स्टेशन पर पहुंच गई थी। विंध्याचल एक्सप्रेस से उन्हें जबलपुर जाना था लेकिन जब वह प्लेटफार्म नंबर 2 पर पहुंची तो रेलवे ट्रैक पर इतनी गंदगी देखकर ऐसा लगा कि वह छोटे रेलवे स्टेशन पर बैठी हैं। गंदगी से प्लेटफार्म पर बैठना भी मुश्किल हो गया था। मजबूरी में जाकर दूसरे प्लेटफार्म पर ट्रेन का इंतजार करना पड़ा। यात्री खालिक खान ने बताया कि करीब एक सप्ताह से एक मरा हुआ कुत्ता पटरियों में फैली गंदगी में डला हुआ है लेकिन इस
ओर किसी का भी ध्यान नहीं जा रहा है। रेलवे ट्रैक पर गंदा पानी भरा होने की वजह से सीएनडब्लू के कर्मचारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कर्मचारियों ने बताया कि पावर बदलने के दौरान या किसी ट्रेन में कोई काम आ जाता है तो अंदर काम करने में बड़ी परेशानी होती है। इसकी नालियों और पटरियों की सफाई कई महीनों से नहीं हुई है। इसकी सूचना कई बार अधिकारियों को दी गई है लेकिन अभी तक किसी ने भी कोई ध्यान नहीं दिया है। किसी भी ट्रेन में कोई फाल्ट आ जाता है
तो कीचड़ में खड़े होकर ऐसी सर्दी में काम करना पड़ता है। गंदगी देखकर यात्री भी कचरा पटरियों पर फेंकने लगे हैं। इससे मवेशी घूमने लगे हैं किसी दिन बड़ी दुर्घटना हो सकती है। असल में स्टेशन पर वेंडरों द्वारा कचरा फैलाया जाता है। सफाई न होने और पॉलीथिन के रूप में एकत्रित कचरा पानी नालियों के पाइपों में अटक जाता है इसमें फंसे कचरे के कारण भी ड्रेनेज का गंदा पानी ट्रैक से बाहर नहीं निकल पाता है। अब देखना यह है कि प्रधानमंत्री के स्वच्छता कार्यक्रम की धज्जियां उड़ाने वालों पर कब तक कार्रवाई होती है।