वीणा वादनी मां सरस्वती की बसंत पंचमी पर पूजन अर्जन किया जाता है ऐसे ही जो भी विद्या का अर्जन करने वाले होते हैं या कलाकार होते हैं उनके द्वारा पेन पेंसिल या अपनी कला में उपयोग होने वाली चीजों का पूजन किया जाता है बुंदेलखंड में भी रागों का अपना महत्व है इसके लिए अलग और प्रसिद्ध वाद्य यंत्र हैं जो आधुनिकता के दौर में विलुप्त होते जा रहे हैं लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जो इनका संरक्षण करने में लगे हुए हैं
सागर की वैदिक लोक संस्कृति कला संस्थान भी वर्षों से इसको सहेजने में लगी हुई है पुरव्याऊ पर पूजन कार्यक्रम हुआ जिसमे इसमें अध्यक्ष हर्ष चौरसिया और वरिष्ठ लोक कलाकार शिव रतन यादव भी शामिल हुए इसके साथ ही अलग-अलग इंस्ट्रूमेंट में निपुण लोक कलाकार शामिल हुए जिन्होंने बताया कि यह बात भी यंत्र तो ठीक इनको बजने वाले ही गायब होते जा रहे हैं ऐसे में इनको बचाने के लिए यह संस्था कम कर रही है कार्यक्रम के लिए लोगों के द्वारा बुलाया जाता है जहां मंडली के साथ पहुंचते हैं