मध्य प्रदेश की मोहन सरकार में कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े हो रहे है। इस वक़्त पुलिस काफी चर्चा में है,वो भी खासकर सागर पुलिस, अब आपको बताते है की आखिर यहाँ पुलिस महकमा चर्चाओं में क्यों है दरसअल पुलिस की कार्यशैली से जनता नाखुश है, और नाखुश इसलिए है क्योंकि जनता का मानना है पुलिस अपना काम करती ही नहीं है।
सागरवासियों का आरोप है सागर जिसे शांति का टापू माना जाता था आज यहाँ बिच्छू गैंग, 007 गैंग और कटर गैंग जैसे नाम यहाँ आम हो गए है आये दिन ये गैंग बाज़ यहां घटनाओ को अंजाम देते रहते है। उसपर से चोरियों से लेकर हर प्रकार के अपराध बढ़ते जा रहे हैं ,वही सागर पुलिस इन पर अंकुश नहीं लग पा रही है ,और इसलिए सागर पुलिस की चर्चाओं में है,
पुलिस कप्तान, नगर पुलिस कप्तान सहित थाना प्रभारी सभी तमाशबीन बने हुए है। शुक्रवार रात कोतवाली थाना से महज चंद कदम दुरी हुई दिल दहला देने वाली घटना के बाद सागर शहर वासियों का सब्र का बांध को टूट गया। कोतवाली थाना क्षेत्र में चाकूबाजी की घटना में एक युवक को अपनी जान से हाथ धो बैठना पड़ा ,जिसके चलते शनिवार को थाना कोतवाली पर लोगों ने मृतक की लाश रखकर प्रदर्शन किया करीब डेढ़ घंटा चले इस प्रदर्शन में महिलाओं ने पुलिस के ऊपर अपनी चुडिया उतार कर फेंकी और जमकर खरी खोटी सुनाई।
हम आपको बता दें सागर पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी अपराध को रोकने की बात कहते हैं अपराध कब तक रुकेगा यह तो वक्त ही बताएगा पर ऐसी घटनाक्रम जब शहरी क्षेत्र में हो रहे हो और पुलिस ना कुछ कर पा रही हो में को रोक पा रही हो तो आखिर आप जनता किसके पास जाए ऐसा नहीं है इस क्षेत्र में लगातार कटर बाजी की घटनाएं होती रहती हैं पर कटर बाजू पर अंकुश लगाने में पुलिस प्रशासन नाकाम बनी हुई है।
लेकिन सवाल ये उठता है कि कोतवाली के इतने नज़दीक हत्या की घटना को अंजाम देने का हौसला अपराधियो में कैसे आ जाता है जबकि पुलिसकर्मियों का चकराघाट पर चाय की गुमटियों में बैठे रहना आम है। वही खाकी वर्दी पर आज सवाल इसलिए भी उठ रहे है। पुलिस कप्तान की कार्यशैली उनकी पदस्थापना के बाद से आज तक न जनता की समझ आई न ही पुलिस महकमे की । तभी को बड़ी बड़ी घटनाये होने बाद भी अंगद के पैर की तरह बेपरवाह पुलिस कर्मी जमे हुए है और असामाजिक तत्वों पर अंकुश लगाना तो ठीक एक तरह से बढ़ावा देने में लगे है।