दुनिया में आदमी की सबसे बड़ी कमजोरी गरीबी होती है। इसमें वह जीवन की बुनियादी जरूरतों को दूर से देखकर अपनी बेबसी पर आंसू बहाता है। मन मसोसकर ऐसे परिवार अपने आंसूओं को अकेले में पोंछ लेते हैं लेकिन वह दर्द जमाने को दिख नहीं पाता। कई सख्श ऐसे भी होते हैं जो इन आंसूओं को अपनी ताकत बना लेते हैं।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हीं गुदड़ी के लालों में से एक हैं। गरीबी में बीते उनके अभावों के बचपन की करूण झलक महाराष्ट्र के सोलापुर में मंच से दिखाई दी। वे प्रधानमंत्री आवास योजना की देश की सबसे बड़ी सोसायटी का उदृघाटन करने गए थे। यहां गरीबों को पीएम आवास के मकान सौंपते हुए पीएम मोदी भावुक हो गए।
खुशी के आंसूओं से उनका गला रुंध गया। जुबान थम गई और आंखें भीग गईं। उनका यह वीडियो देशभर में वायरल हो रहा है। इसमें वे मंच पर कहते हैं मैं जाकर देखकर आया हूं। काश मुझे भी बचपन में ऐसे ही घर में रहने का मौका मिला होता। इतना कहते ही उनकी भावुकता उनकी जुबान जकड़ लेती है।
19 सेकेंड तक वे बोलने की स्थिति में नहीं आ पाते। पानी पीते हैं फिर रोते हुए बोलना शुरू करते हैं। ये चीजें देखता हूं तो मन को इतना संतोष होता है कि हजारों परिवारों के सपने जब साकार होते हैं तो उनके आशीर्वाद मेरी सबसे बड़ी पूंजी होती है। इतना कहने के दौरान भी उनका गला कई बार रुंध गया। ऐसा लग रहा था कि बचपन में पक्के मकान का उनका सपना आज साकार हो गया हो।