22 जनवरी को श्री राम जन्मभूमि अयोध्या में हो रही भगवान की प्राण प्रतिष्ठा से पहले ही लोग राम भक्ति में राम हुए नजर आ रहे हैं और अपनी-आप ने अंदाज में उनकी आराधना कर रहे हैं
सागर के एक मुस्लिम चित्रकार भी राम सेवा में रमे हैं.
उनके ग्रुप ने श्रीराम की जीवन गाथा को 32 तस्वीरों के माध्यम से कैनवास पर उकेरा है. उनका कहना है कि भगवान राम सबके हैं, सबके अपने-अपने राम हैं.
32 में से 3 पेंटिंग असरार अहमद की हैं, जिनमें एक पेंटिंग में भगवान राम सीता स्वयंवर के लिए धनुष को तोड़ते हुए दिख रहे हैं. इस तस्वीर के साथ असरार ने रामचरित मानस की एक चौपाई भी लिखी है.
गुरहि प्रनामु मनहिं मन कीन्हा, अति लाघवँ उठाइ धनु लीन्हा वहीं दूसरी तस्वीर में जयमाला के समय भगवान राम और माता सीता एक दूसरे को निहार रहे हैं, तीसरी तस्वीर में भी राजा राम का रूप है. जिसमें चौपाई है जो सुखधाम राम अस नामा, अखिल लोक दायक बिश्रामा. अर्थात, उन का नाम राम है, जो सुख का भवन और सम्पूर्ण लोकों को शांति देने वाले हैं.
असरार अहमद को बचपन से ही पेंटिंग में रुचि रही है. अब यही उनका प्रोफेशन है. 8 साल से वह रंग के साथी ग्रुप नाम से संस्था भी चला रहे हैं. बच्चों से लेकर बड़ों को पेंटिंग सिखा रहे हैं. असरार का कहना है कि जब टीवी पर रामायण आती थी तब उन्होंने भी सभी के साथ उसे देखा था. तब से हर एक प्रसंग उनके दिल-दिमाग में बसा है. करीब 1 साल पहले कैनवास पर राम गाथा उकेरने की कल्पना की थी. अब अयोध्या में इन तस्वीरों की प्रदर्शनी लगाने की योजना है.