सागर- सर्दी में श्रीराम को गर्म पकौड़े का भोग, मराठा कालीन मंदिर में सदियों पुरानी परंपरा
भगवान के प्रति सागर के श्रद्धालुओं की अलग ही आस्था देखने को मिलती है जैसे-जैसे ठंड का मौसम अपनी सवाब पर आ रहा है वैसे-वैसे भगवान की दिनचर्या भी बदलती जा रही है. पौष का महीना शुरू होते ही अब भगवान के लिए पकौड़े और मंगोड़ी का भोग लगा भी शुरू हो गया है वहीं इसके पहले सर्दी का सीजन शुरू होने पर शहर के विभिन्न मंदिरों में भगवान को गर्म ऊनी वस्त्र धारण कराई गई गुनगुने पानी से रोज स्नान कराया जा रहा था इसके साथ ही मंगला आरती और संध्या आरती के समय में परिवर्तन किया गया.
शहर के काकागंज में स्थित प्राचीन राम दरबार मंदिर में भगवान को राजभोग में घर में पकौड़ी और मंगोड़ी का भोग लगाया जा रहा है. मंदिर के पुजारी पंडित विवेक योगेश्वर प्रसाद शुक्ल ने बताया कि भगवान को रोजाना अलग-अलग प्रकार का राजभोग लगाया जाता है इसी में गुरुवार और शनिवार को सर्दी के मौसम को देखते हुए पकोड़े का भोग लगाया जा रहा है. और इसके बाद भक्तों के लिए इन्हीं को प्रसाद के रूप में वितरण किया जा रहा है. मंदिर में मौसम के हिसाब से राजभोग लगाने की परंपरा मंदिर की स्थापना के समय से ही चली आ रही है.
150 वर्ष प्राचीन हनुमान मंदिर में जयपुर से आएं राम दरबार की संगमरमर से बनी प्रतिमा विराजमान हैं. पुजारी विनय शुक्ला ने बताया कि मंदिर की सेवा उनके परिवार द्वारा पिछली तीन पीढ़ियों से की जा रही है. मंदिर में राम भक्त हनुमान जी की स्थापना 1837 में मराठा शासनकाल में मेरे दादा जी स्वर्गीय पंडित कामता प्रसाद शुक्ला के द्वारा कराई गई थी. इसके बाद पिता जी योगेश्वर प्रसाद शुक्ला द्वारा भगवान की चरण सेवा की गई.