MP Election : Khurai से रक्षा राजपूत रहली से ज्योति पटेल के बहाने क्या है कमलनाथ का मास्टर प्लान ?
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार हाई प्रोफाइल सीटों पर कांग्रेस ने जो रणनीति बनाई है उसका असर भी देखने को मिल रहा है। सागर जिले की रहली और खुरई विधानसभा सीट पर दो दिग्गज नेताओ के सामने युवा चेहरों को मैदान में उतरा है। जिसमे खुरई में मुकाबला मंत्री भूपेंद्र सिंह बनाम रक्षा राजपूत है जबकि रहली विधानसभा में मुकाबला मंत्री गोपाल भार्गव बनाम ज्योति पटेल के बीच है।
इन दोनों सीटों पर मुकाबला देखने से जरूर उतना खास नहीं लग रहा हो लेकिन कांग्रेस की रणनीति को अगर आप गौर से देख्नेगे और समझेंगे तो आपको मालूम चल जायेगा की इसके पीछे कमलनाथ का मास्टर प्लान है।
क्या है ये मास्टर प्लान आइये समझते है।
सबसे पहले बात खुरई विधानसभा की करते है जैसा की रक्षा राजपूत कांग्रेस की उम्मीदवार है। उनका पारिवारिक बैकग्राउंड देखे तो उनका परिवार राजनीति से जुड़ा रहा है। पिता अब इस दुनिया में नहीं है वो अपनी माँ और भाइयो के साथ खुरई विधानसभा के मालथौन में रहती है। व्यक्तिगत तौर पर देखे तो वो निडर है। दबाब के आगे और मजबूरी में पढ़कर वो कभी अपने पथ से नहीं डिगती। लेकिन खुरई में कमजोर पड़े कांग्रेस संगठन के कारण उन्हें वो एक्सपोज़र नहीं मिल पाया जो वो पिछले गुजरे वक़्त हासिल कर सकती थी।
लेकिन सीएम कमलनाथ और खुरई के दिगज्ज नेता अरुणोदय चौबे उनपर नजर बनाये हुए थे। रक्षा का झुंझारी स्वभव कमलनाथ जानते थे। जब ये तय हो गया की अरुणोदय खुरई से कुछ क़ानूनी दाव पेच के चलते नहीं लड़ेंगे तो अगला नाम रक्षा का खुद अरुणोदय चौबे ने आगे बढ़ाया और पूर्व सीएम कमलनाथ के साथ बैठ कर पूरी कहानी लिखी। इसमें रक्षा का मुकाबला कद्द्वार नेता मंत्री भूपेंद्र सिंह से था जिनके आगे बड़े बड़े तिलिस्म भी फेल हो जाते है जिनका कद, ताकत और हैसियत से शायद ही कोई पार पा सके.
इसलिए कमलनाथ ने एक मास्टर प्लान तैयार किया। जिसके तहत रक्षा राजपूत की ढाल के रूप में यूपी के दबंग नेता कुलभूषण सिंह उर्फ़ गुड्डू राजा बुंदेला को खुरई सहित बुंदेलखंड की जवाबदारी दी। गुड्डू राजा बुंदेला का बुंदेलखंड के मालथौन बंदरी के इलाके में दबाबा है। इसके आलवा मंत्री भूपेंद्र सिंह के सबसे बड़े विरोधी अरुणोदय चौबे ये सन्देश दे रहे है की रक्षा सिर्फ चेहरा है। अन्नू भैया चुनाव लड़ रहे है। जिसके मायने सभी जानते है विधायक भले रक्षा बनेगी विधायकी उन्हें ही चलानी है।
वही दूसरी तरफ ऐसा ही प्लान रहली को लेकर तैयार किया गया। टिकट ज्योति पटेल को दिया गया। ज्योति पिछले कई सालो से मंत्री गोपाल भार्गव का विरोध करती आ रही है। इस बार कांग्रेस ने उन्हें अपना चेहरा बनाया और ढाल के रूप में कमलेश साहू और जीवन पटेल जो मंत्री भार्गव से सबसे बड़े विरोधियों में गिने जाते है उन्हें पूरी ताकत झोकने के लिए कहा गया। कमलनाथ रहली खुरई सुरखी सीट को खुद मॉनिटर कर रहे है।
दिग्विजय सिंह खुद लगातार इन विधानसभाओ में फीडबैक लेते है। ज्योति पटेल भले की मंत्री गोपाल भार्गव से अनुभव में कम है लेकिन उन्होंने अपनी राजनीति से खुद को साबित जरूर किया है। रहली में कांग्रेस की एक जुटता पहले हुए चुनावो के मुकाबले इस बार ज्यादा दिखाई दे रही है लेकिन मंत्री भार्गव का गढ़ इतनी आसानी से भेद पाना इतना आसान भी नहीं है।
खैर कमलनाथ का मास्टरप्लान कितना कारगर होगा ये 3 दिसम्बर को मालूम चल जायेगा लेकिन फ़िलहाल दोनों की दल अपनी पूरी तागत झोकने में कोई कमी नहीं छोड़ रहे है।