बगाज मंदिर का ऐसा प्रभाव सांप,बिच्छू,गुहेरा,कुत्ते से पीड़ित मंदिर की परिक्रमा लगाने से होते है ठीक
बगाज माता मंदिर पर जवारे विसर्जन के लिए लगभग 2 लाख श्रद्धालुओं ने अपने जवारे विसर्जन किये
टीकमगढ ,बुन्देलखण्ड की प्रसिद्ध सिद्ध शक्तिपीठ बगाज माता मन्दिर पर शारदीय नवरात्रि में जवारे विसर्जन के लिऐ समुचे बुन्देलखण्ड से लाखो की संख्या में श्रद्धालु जवारे चढा़ने के लिऐ आते है , देवी मन्दिर पर जवारे चडाने के लिऐ सुवह तीन बजे से लोगो का आना शुरू हो जाता है ,
देबी मन्दिर पर श्रद्धालुओं की भीड अधिक होने पर मन्दिर के चारो ओर बेरीकेडिंग कर जवारे चडने की अलग विवस्थ की है एव मन्दिर के चारो ओर से दो - दो किलो मीटर दूर से दोपहिया एव चार पहिया वाहनो को रोक दिया जाता है । मन्दिर परिसर में भीड अधिक होने पर सुरक्षा के लिऐ जिला प्रशासन के अधिकारी सहित 125 से अधिक पुलिस बल एवं तहसीलदार ,आर आई और पटवारी को तैनात किया गया।
मॉ बागेश्वरी देवी का ऐसा प्रभाव है कि लोगों को जहरीले कीड़े सांप, बिच्छू, कोयरे, पागल कुत्ते काटने वाले लोग मंदिर में आकर पांच परिक्रमा लगाने के से ही ठीक हो जाते हैं। मंदिर में किसी प्रकार की झाड़-फूंक नहीं होती है माता भक्तों की पीडा हरलेती है और सीधे दर्शन देती है।
जो श्रद्धालु ठीक हो जाते हैं वह अपनी मन्नत पूरी होने के बाद नवरात्रि में यहां जवारे चढ़ाते हैं मां ने अनगिनत भक्तों की गोद भरी है इसलिए बगाज माता मंदिर समुचे बुंदेलखंड में प्रसिद्ध है।
मन्दिर के पुजारी ने बताया कि बगाज माता मंदिर पर अष्टमी से लेकर 10वीं तक लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और यहां जवारे विसर्जन करते हैं ,देवी मंदिर में जवारे चढ़ाने के लिए आज लगभग 2 लाख लोगों ने अपने जवारे चढ़ाये वहीं ग्रामीण लोग जवारो को लेकर बुंदेली लोक डांस राई करते हुए जवारे लेकर मंदिर आते हैं और माता के दरबार में चढ़ाते हैं।