पैसों के चलते अस्पताल ने जो काम किया उससे मानवता भी शर्मिंदा हो गई !
एमपी के छतरपुर जिले से एक शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां की मिशन अस्पताल के डॉक्टरों ने सारी हदों को पार करते हुए एक महिला की डेड बाडी उसके पति को सौंपने से साफ इंकार कर दिया।
वे इस बात पर अडे थे कि जब-तक पूरे पैसे नहीं मिलेंगे। तब-तक डेड बाडी नहीं सौंपी जाएगी। बताया जा रहा है कि बागेश्वर धाम के ग्राम गढ़ा निवासी मुन्नीलाल आदिवासी की पत्नी को टीबी की बीमारी थी और उसे इलाज के लिए मिशन अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां पर बीती राज उसने दम तोड दिया।
डॉक्टरों ने उसके लिए 32 हजार का पर्चा बनाकर दिया था। जिसमें से वह अपनी पत्नी के जेवर गिरवी रखकर और कर्ज लेकर 30 हजार रुपये तो अस्पताल में जमा कर दिए लेकिन 20 हजार रुपये बाकी थे, डॉक्टरों ने यह कहा कि जब तक बाकी के पैसे जमा नही करोगे तब तक उसकी पत्नी की बॉडी को नहीं देंगे, पीड़ित मुन्नीलाल ने बताया कि वह मजदूर है उसने डॉक्टर से कहा था कि उसके पास जितना पैसा था वह दे चुका है अब उसके पास एक फूटी कौड़ी भी नहीं है ऐसे में वह पैसे कहां से दे पाएगा।
लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने उसे बॉडी ले जाने से मना कर दिया और कह दिया कि पैसे जमा करो इसके बाद बॉडी को ले जाओ। जब इस मामले की जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को मिली तो वे अस्पताल पहुंचे और अस्प्ताल प्रबंधन से कहा कि सरकार पैसा देगी। इसके बाद ही उसे उसकी डेड बाडी मिल सकी। बताया जा रहा है कि मिशन अस्पताल में इस तरह की घटना पहले भी सामने आ चुकी है।