सागर-हिन्दू-मुस्लिम कौमी एकता की मिसाल पीली कोठी वाले बाबा की शाही सवारी निकली

 

सागर-हिन्दू-मुस्लिम कौमी एकता की मिसाल पीली कोठी वाले बाबा की शाही सवारी निकली


सागर में मशहूर पीली कोठी वाले
बाबा की सवारी में उमड़ा सैलाब


जब भी कौमी एकता की मिसाल दी जाती है तो सबसे पहले चर्चा होती है सागर की मशहूर पीली कोठी वाले बाबा की, जी हां शहर में सालों से मोहर्रम की 9 और 10 तारीख को बाबा की सवारी निकाली जाती है जो अपने आप मे काफी अनूठी होती है। इस बार भी मोहर्रम की 9 तारीख को उनके मुकाम यानी पीली कोठी वाले बाबा की दरगाह से सवारी निकाली गई।

 

शहनाई की धुन से शुरू हुई मातम की गूंज पर पीली कोठी से ये सवारी शहर के प्रमुख स्थानों गोपालगंज, तहसीली के अलावा कई जगहों से गश्त करते हुए निकली। पीली कोठी वाले बाबा की सवारी कौमी एकता की मिसाल मानी जाती है। क्योंकि इसमें हिन्दू मुस्लिम साथ-साथ चलते हैं दिलचस्प बात ये है कि स्वर्गीय मदन बाबा के पुत्र रविल यादव उर्फ गोलू बाबा को ये सवारी आती है हालांकि उनसे पहले मदन बाबा को ही बाबा की सवारी आती थी, लेकिन बीते करीब दो साल पहले वो दुनिया से रुख्सत हो गए थे जिसके बाद से गोलू बाबा को सवारी आने लगी।
इस दौरान बाबा से मिलने के लिए हजारों की संख्या में लोग जगह-जगह मौजूद थे। जिन्होंने उनसे मिलकर आशीर्वाद लिया। शहर में गश्त करने के बाद सवारी पीली कोठी दरगाह में ठंडी हुई। पूरी सवारी के दौरान प्रशासन ने चाक चौबंद व्यवस्थाएं की थी वहीं पुलिस भी पूरी तरह से मुस्तैद होकर साथ-साथ ही चल रही थी।

 

 

गौरतलब है कि मोहर्रम की शुरूआत होते ही इस्लामिक नया साल भी शुरू हो जाता है। मोहर्रम का त्योहार हजरत इमाम हुसैन की याद में मनाया जाता है।


By - SAGAR TV NEWS
29-Jul-2023

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