MP के इस जिले में पाए जाते है 25 से अधिक प्रजाति के सांप || SAGAR TV NEWS ||
16 जुलाई को मनाए जाने वाले विश्व सर्प दिवस के मौके पर बैतूल जिले के सर्प विषेसज्ञ आदिल खान ने सांपों के बारे में रोचक और जरूरी जानकारी सांझा की है। उन्होंने कहा है कि घोड़ाडोंगरी तहसील के सारनी में 25 से अधिक प्रजाति के सांप पाए जाते है।
प्रदेश में सफेद कोबरा भी सबसे पहले सारनी में ही मिला था। उन्होंने बताया कि बैतूल जिले में चार प्रजाति के विषैले सांप मौजूद हैं। जिसमें कोबरा, सॉ-स्केल्ड वाइपर, रसेल्स वाइपर और करैत सांप शामिल हैं और कम विषैले सांपों में केट स्नेक, फॉर्सटन केट स्नेक, ग्रीन वाइन स्नेक इत्यादि हैं। इसके अलावा विषहीन सांपों में धामन, उड़ने वाला सांप, अजगर, पानी वाला सांप इत्यादि हैं।
उन्होंने बताया कि सांप काटने पर झाड़ फूंक बिल्कुल ना करवाएं, संभव हो तो अस्पताल पहुंचे। जिस व्यक्ति को सांप ने काटा है उसे चलाएं फिराएं नहीं, क्योंकि सांप का ज़हर खून के साथ ही शरीर में फैलता है, अगर चलेंगे-फिरेंगे या ज्यादा टेंशन लेंगे तो रक्तचाप बढ़ेगा, जिससे शरीर में तेज़ी से ज़हर फैलेगा।
जहां सांप ने काटा हो, उसके उपर के हिस्से में हल्का टाईट कपड़ा बांध लें। उन्होंने कहा कि 80 फीसदी सांपों में जहर नहीं होता, लेकिन फिर भी लापरवाही नहीं बतरना चाहिए। सांपों का संरक्षण कर रहे आदिल अब तक 22 प्रजाति के सांपों का रेस्क्यू कर चुके है और उन्हें तीन अन्य प्रजातियों के सांप जंगल में मिले हैं।