सागर-BJP नेता से चाय के पैसा मांगना दुकानदार को पड़ा भारी,अतिक्रमण के नाम पर दुकान के बाहर तोड़फोड़
सागर में बीजेपी नेता से चाय के पैसा मांगना दुकानदार को पड़ा भारी
सागर में बीजेपी नेता से चाय के पैसा मांगना दुकानदार को पड़ा भारी, अतिक्रमण के नाम पर दुकान के बाहर तोड़फोड़
सागर के सिविल लाइन स्थित चाय सुट्टा बार नाम के आउटलेट पर की गई अतिक्रमण हटाये जाने की कार्यवाही सुर्खियों में आ गई है, क्योकि यह कार्यवाही इसलिए करवाई गई की एक बीजेपी नेता से दुकानदार ने पहले चाय के पैसे मांग लिए थे, जिससे उनका ईगो हर्ट हो गया, फिर क्या नेता जी ने लगाया फोन, मंगवाई जेसीबी और चलवा दिया बुलडोजर, इतना ही नहीं यह सब कार्यवाही नेताजी ने अपनी आँखों के सामने करवाई है, निगम की जेसीबी ने दुकान के बाहर तोड़ फोड़ की है, लेकिन दूसरी तरफ नगर निगम के अतिक्रमण शाखा प्रभारी शिव रैकवार का कहना है की उनका अमला कार्यवाही करने के लिए गया ही नहीं था, वही निगम प्रशासन इस पर कुछ भी कहने से बच रहा है, हालांकि नगर निगम आयुक्त ने सहायक वाहन निरीक्षक और दो अन्य कर्मचारियों के नाम घटना का जिक्र करते हुए नोटिस जारी किए है जिसमे जबाब मांगा गया है।
दुकान संचालक का आरोप है कि उसकी दुकान पर भाजपा के छुटभैये नेता चाय पीने के लिए पहुंचे थे उन्होंने चाय का आर्डर दिया और जब उनसे पैसे मांगे तो वह बहस करने लगे कि हम से पहले पैसे कैसे ले सकते हो, इसके बाद उन्होंने चाय को सर्व करने के लिए बहस की जबकि दुकान में रूल है कि जो भी व्यक्ति चाय पीने आता है वह अपना कप खुद ही उठाता है नेता के द्वारा जिद करने के बाद चाय सर्व कर दी गई, इसके बाद भी उनका मन नहीं भरा तो कुछ ही देर बाद वहां पर जेसीबी पहुंच गई जिसने तोड़फोड़ की चाय सुट्टा बार को चलाने वाले संचालक बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस डॉक्टर हैं उन्होंने 3 साल पहले यह चाय की दुकान शुरू की थी, विवाद के बाद cctv दो वीडियो भी जारी किए हैं, जिसमें भाजपा नेता अंशुल परिहार एक वीडियो में दुकान के बाहर कुछ बातचीत करते हुए दिखाई दे रहे हैं जबकि दूसरे वीडियो में वह दुकान के अंदर बहस कर रहे हैं डॉ अनिरुद्ध सिंह का कहना है कि हमने नाम बनाने के लिए अंधाधुंध मेहनत की 3 साल से कड़ी मेहनत कर रहे हैं और इस तरह की कार्यवाही से हौसला टूटता है हम तो उनका नाम भी नहीं लेंगे क्योंकि वह अभी और लड़ाई कर सकते हैं. यह दुकान सिविल लाइन के जनपद मार्केट में स्थित है जहां पर और भी अन्य तरह की दुकान है सभी लोग अपनी दुकान के बाहर सीढ़ियां या अन्य तरह की हल्के फुल्के निर्माण किए हुए हैं केवल एक दुकान पर की गई कार्यवाही सवालों के घेरे में है वही दूसरा सवाल यह है की कोई भी अधिकारी जिम्मेदार यह बताने को तैयार नहीं है कि यह कार्यवाही किसके कहने पर की गई या किसके द्वारा करवाई गई है।