बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं की फिर खुली पोल,सांसे थमने के बाद मासूम को घर ले जाने घंटो बैठे रहे परिजन
सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की काफी कोषिष कर रही है, लेकिन इसके बाद भी मरीजों को इसका बेहतर लाभ नहीं मिल रहा है, हालात यह है कि अगर किसी की डेथ जाए तो उसके परिजनों को एंबूलेंस तक नसीब नहीं होती और उनके सामने परेषानियां खडी हो जाती है। ऐसा ही एक मामला छतरपुर जिले से सामने आया है।
बताया जा रहा है कि बिजावर तहसील के पलगुंवा गांव का रहने वाला 6 वर्सीय मासूम बच्चे को फूड प्वाइजन होने पर उसे जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था, लेकिन बच्चे ने इलाज के दौरान दम तोड दिया, जब इसके परिजन बच्चे की डेड बाडी को घर ले जाने लगे तो इनके सामने समस्या खडी हो गई,
डेड बाडी को ले जाने के लिए उन्हें एंबूलेस तक नहीं मिली और यह उसकी डेड बाडी को जमीन पर रखकर बैठ गए और एंबूलेस आने का इंतजार करने लगे, लेकिन वह नहीं आई। जब लोगों ने इस नजारे को देखा तो इसकी सूचना सिविल सर्जन जीएल अहिरवार की दी और उन्होंने मानवता दिखाते हुए एंबुलेंस की व्यवस्था करवाई।
तब कही जाकर बच्चे की डेड बाडी को घर ले जाया जा सका। इस दौरान यह बात भी सामने आई कि जब बच्चे के परिजन उसकी डेड बाडी को लिए बैठे थे, तब किसी भी डाॅक्टर ने ध्यान नही दिया।