सलाखों के पीछे रहकर 10 सालों से मां कर रही 4 बेटियों की परवरिश, कहानी जान आंखें हो जाएगी नम
आपको एक ऐसी मां की कहानी बताते हैं, जिसने गुनाह किया तो जेल में सजा काट रही है, लेकिन उसके द्वारा अब जो प्रायश्चित किया जा रहा है वह लोगों के लिए मिसाल बन गया है.उस मां की 4 बेटियां हैं, वह अपने घर पर बिन मां बाप के रहती हैं, लेकिन इनके लालन पालन में कोई परेशानी ना आएं, किसी भी प्रकार की तकलीफ ना हो, इसलिए जेल में कटने वाले समय को इन बच्चियों के लिए समर्पित कर दिया है. इस मां को हर पल उन बेटियों की चिंता सताती है, कि उनका भविष्य अच्छा बन जाए. महिला के द्वारा जेल में सिर्फ इसलिए काम किया जाता है, ताकि वह अपनी बेटियों को अच्छी शिक्षा दिला सके और उनके लिए वे अफसर बन सके, उनका रहन-सहन अच्छे से हो जाए, उन्हें खाने पीने में कोई तकलीफ ना हो. इसके लिए मां 3 महीने तक जेल के अंदर पापड़ बनाने का और गेहूं की चुनाई करने का काम करती है, जितना भी पैसा इन महीनों में एकत्रित हो जाता है. उन्हें लेकर हर 3 महीने में पैरोल पर जाती है और बच्चियों के स्कूल की फीस भर देती है.पैरोल के 15 दिनों में वह अपनी बच्चियों के लिए भरपूर प्यार करती है, हालांकि इसमें कुछ मदद उसकी खेती से भी हो जाती है जिसे वह ठेके पर दे देती है. कपड़ों जैसी कुछ व्यवस्था जेल के अधिकारी भी करवा देते है. कृष्णा तिवारी नाम की महिला सागर के केंद्रीय जेल के महिला वार्ड में है, वह पिछले 10 सालों से हत्या के एक मामले में सजा काट रही है. कृष्णा तिवारी टीकमगढ़ जिले के खरगापुर तहसील के टीला गांव की रहने वाली है, उसकी 4 बेटियां हैं, जिनमें सबसे बड़ी बेटी की उम्र 12 साल है वह कक्षा छठवीं में पढ़ती है, दूसरे नंबर की बेटी 8 साल की है जो कक्षा दूसरी में पढ़ती है, तीसरे नंबर की बेटी 7 साल की है जो पहली कक्षा में इस साल एडमिशन करवाया है, वही चौथी बेटी 4 साल की है.