सागर-स्कूल के कमरे पर कब्जा, क्लास में चल रहा था कंट्रोल, प्रशासन ने की ये कार्यवाही
सागर स्कूल में राशन की दुकान प्रशासन में मचा हड़कंप
सागर-स्कूल के कमरे पर कब्जा, क्लास में चल रहा था कंट्रोल, प्रशासन ने की ये कार्यवाही
सागर जिले के एक सरकारी स्कूल के कक्ष में राशन विक्रेता के द्वारा गेहूं चावल की बोरियां भरने का मामला सामने आया है. राशन की यह दुकान स्कूल के इसी कमरे से पिछले 3 सालों से संचालित हो रही, आरोप है कि गांव के राशन विक्रेता ने स्कूल के कमरे पर कब्जा कर लिया था. लेकिन मामला सामने आने के बाद राशन दुकानदार ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए बताया कि कोरोना के समय कहीं अनाज रखने की जगह नहीं थी और ग्रामीणों को इसका वितरण करना था तो उनकी ही सहमति से खाली डलें और जर्जर पड़े स्कूल के कमरे को थोड़ा ठीक कराके सामग्री रख दी गई थी। वही इस खबर के सामने आने के बाद भी प्रशासन हरकत में आया और उसने इस राशन दुकान को खाली करवाकर दूसरी जगह शिफ्ट करवा दिया है. दरअसल राहतगढ़ ब्लॉक के तहत आने वाले बड़ौरा गांव की प्राथमिक स्कूल में 5 कमरे हैं 69 विद्यार्थी हैं जिनमें से 2 में कक्षाएं संचालित होती हैं तीन कमरे जर्जर है यह कमरा 5 साल से खाली था,बच्चो के बैठने लायक स्थिति में नहीं थे, इसलिए 3 साल पहले इसमें ग्रामीणों के कहने पर गेहूं और चावल रख लिया था बाहर से ग्रामीणों को राशन का वितरण किया जाता था जबरदस्ती कब्जा करने जैसी कोई बात नहीं है. प्राथमिक शाला की प्रभारी प्राचार्य सविता साहू का कहना है कि वे 1 साल पहले ही यहां पर आई हैं लेकिन पिछले 5 सालों से कमरे खाली थे क्योंकि वह बच्चों को बैठाने लायक स्थिति में नहीं है. जिला खाद्य अधिकारी पी एल तंतुवाय ने बताया की आपत्ति आने के बाद स्कूल के कमरे से राशन दुकान को दूसरी जगह शिफ्ट करवाया है आगे की जांच की जा रही है। इस मामले को मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोेग ने भी संज्ञान लिया है और कलेक्टर, सागर से प्रकरण की जांच कराकर समुचित कार्यवाही कर अगले तीन दिन में आयोग को प्रतिवेदन देने को कहा है।