सागर-पंचमुखी हनुमान मंदिर में था एक रहस्यमयी बंदर,भगवान को चढ़ाता था नारियल,जानिए पूरी कहानी
एक ऐसा बंदर जिसकी याद में बजरंग बली की मूर्ति के सामने इस बंदर की प्रतिमा बनवा दी गई. सुनने में अजीब जरूर लगता है, लेकिन इस बंदर का काम ही ऐसा था जिसने इसे राम और हनुमान के विशेष भक्त के रूप में स्थापित करवा दिया. क्या है इस बंदर की कहानी, सुनते हैं यहीं के लोगों की जुबानी.बुंदेलखंड के सागर में यूं तो राम भक्त हनुमान के कई दुर्लभ मंदिर और प्रतिमाएं हैं, लेकिन पंचमुखी हनुमान का एक मंदिर ऐसा है जिसमें, बजरंग बली की प्रतिमा के सामने एक नटखट बंदर की मूर्ति बनवा दी गई है. लोगों का मानना है कि ईश्वर भक्त इस बंदर ने 30 साल पहले जो लीलाएं दिखाईं वह सामान्य बंदरों से बिल्कुल अलग थी.
सागर मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर पवन पुत्र हनुमान की पंचमुखी अद्भुत प्रतिमा है उनके इस स्वरूप में नरसिंह गरुड अश्व वराह और वानर रूप के दर्शन होते हैं दक्षिण मुखी इस तरह की प्रतिमा अपने आप में अनूठी है. रहली में टिकीटोरिया मंदिर है पहाड़ी पर बने देवी मंदिर के नीचे एक अद्भुत गुफा है गुफा में प्रवेश करते ही भगवान राम लक्ष्मण सीता बनवासी रूप में विराजमान है तो वही थोड़ा आगे बढ़ने पर 11 फुट के पंचमुखी हनुमान है इस दिव्य और भव्य प्रतिमा के दर्शन करने के लिए लोग दूर-दूर से पहुंचते हैं वही यहां पर हनुमान जी और बंदर को लेकर किवदंती भी जुड़ी हुई है बात करीब 30 साल पहले की है जब यहां पर मंदिर में कीर्तन बैठी हुई थी 5 साल तक लगातार कीर्तन की गई तभी वहां पर एक लाल मुंह का बड़ा बंदर आ गया था जो हनुमान जी की गुफा में रहता था और जो भी श्रद्धालु यहां दर्शन करने पहुंचते थे उनका नारियल फोड़ता था जो लोग नारियल नहीं देते थे वह उनसे छीन कर फेंक देता था तो वह फूट जाता था फिर वह अपने हिस्से का नारियल उसमें से ले लेता था इंसानों की तरह हथेली बांधकर लोगों से प्रसाद लेकर खाना श्रद्धालुओं को भी आकर्षित करता था प्रसाद खाने के बाद हनुमान जी के सामने बने एक कोने में बैठ जाता था 3 साल तक यह बंदर यहां पर रहा और फिर अचानक गायब हो गया लेकिन उसे बजरंगबली का रूप मानकर समिति के लोगों के द्वारा जब गुफा का जीर्णोद्धार कराया गया तो वहां पर हनुमान जी के सामने एक कोने में उस बंदर की भी प्रतिमा स्वरूप बना दी जो आज भी यहां पर बनी हुई है