शिवराज सरकार की कुर्सी गिराने को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं ने गाना गाकर दी चेतावानी
दमोह जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं पिछले 17 दिन से अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर आंदोलन में डटी है। अब जैसे-जैसे गर्मी का पारा चढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे इनका गुस्सा भी बढ़ने लगा है। अब इनके पंडाल से शिवराज विरोधी नारे गूंजने लगे हैं और वे बुन्देली लोकगीत के माध्यम से चेतावनी दे रही हैं कि मम्मा सुन लो अबकी बार... नई तो गिर जे है सरकार...। दरअसल, यह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाए तेज धूप में अपना आंदोलन कर रही है, लेकिन इनकी सुध न तो प्रषासन ले रहा है और न ही षासन। इस बात से उनका गुस्सा सातवे आसमान पर चढ गया है। उनकी केवल एक ही मांग है कि उन्हें अब मानदेय नहीं बल्कि वेतन दो और उनको परमानेंट अर्जेंट करो। वे अब षासन से आर-पार की लड़ाई लडने के मूड में आ गई हैं। उनका साफ कहना है कि उन्हें अब 10 हजार मानदेय नहीं बल्कि 50 हजार रूप्ए वेतन दिया जाए। गौरतलब है कि इन आंगनबाडी कार्यकर्ताओं ने 2017 में 24 दिन, 2019 में 4 दिन और 2022 में 45 दिन तक 45 डिग्री तापमान में हड़ताल की थी। अब देखना होगा कि इस चुनावी साल में सरकार इनकी मांग मानता है कि नहीं ? या फिर इनका आंदोलन ऐसे ही चलता रहेगा।